श्रीनगर की मसजिदों के बारे में जानकारी क्यों जुटाई जा रही है? मसजिदों में जो पदाधिकारी हैं उनके जीवन-परिचय के बारे में क्यों पता लगाया जा रहा है? उनके बारे में यह जानने का प्रयास क्यों किया जा रहा है कि वे किस विचारधारा के हैं? दरअसल, श्रीनगर के 5 पुलिस सुपरिटेंडेंट से कहा गया है कि वे अपने-अपने इलाक़े में ये जानकारियाँ इकट्ठी करें। लेकिन इससे असहज करने वाले कई सवाल खड़े होते हैं। सरकार आख़िर इन जानकारियों का करना क्या चाहती है?