झारखंड और केंद्र सरकार के बीच सीधे टकराव की नौबत आ गई है। झारखंड में 5 नवंबर से आर्थिक नाकाबंदी (Economic Blockade) शुरू हो सकती है। झारखंड में 5 नवंबर को सभी जिला मुख्यालयों पर सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) धरना-प्रदर्शन करेगा। यह हालत केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी की वजह से पैदा हुई है। ईडी ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को एक खनन घोटाले के मामले में तलब किया है। लेकिन हेमंत ने ईडी के सामने न पेश होने का फैसला किया।
झारखंड में आर्थिक नाकेबंदी हुई तो क्या होगा
- झारखंड
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- सत्य ब्यूरो
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- 3 Nov, 2022
केंद्रीय एजेंसी ईडी के दुरुपयोग के खिलाफ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने झारखंड में आर्थिक नाकेबंदी का ऐलान किया है। आर्थिक नाकेबंदी का मतलब यह होगा कि राज्य से तमाम खनिज पदार्थों की निकासी रुक जाएगी। राज्य में दूसरे राज्यों से आने वाला सामान रुक जाएगा। क्या है पूरा मामला, जानिएः

सीएम हेमंत सोरेन के घर पर बुधवार रात को यूपीए घटक दलों की बैठक बुलाई गई। बैठक में कांग्रेस समेत सभी दलों ने सोरेन को सलाह दी कि वो ईडी के सामने पेश नहीं हों। इस बैठक के बाद सत्तारूढ़ जेएमएम ने आर्थिक नाकेबंदी के आंदोलन की घोषणा की। जेएमएम के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्र सरकार की केंद्रीय एजेंसियों की नाइंसाफी के खिलाफ अब सड़क से संसद तक लड़ाई होगी। हम राज्य में आर्थिक नाकेबंदी कर देंगे। हमारे पास इसके अलावा कोई रास्ता नहीं है।
- Hemant Soren
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