सिंगापुर सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फ़ैसले में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाले एक ट्रिब्यूनल के एक फ़ैसले को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने पाया कि इस फ़ैसले के क़रीब 50% हिस्से किसी दूसरे मामले के एक फ़ैसले की कॉपी थे। सिंगापुर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि फ़ैसले के 451 में से 212 पैराग्राफ एक अन्य फ़ैसलों से कॉपी-पेस्ट किए गए थे। यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता की विश्वसनीयता और भारतीय न्यायिक हस्तियों की भूमिका पर सवाल उठाता है।
पूर्व CJI दीपक मिश्रा के ट्रिब्यूनल का फ़ैसला कॉपी-पेस्ट? सिंगापुर SC ने रद्द किया
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- 10 Apr, 2025
सिंगापुर सुप्रीम कोर्ट ने भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाले ट्रिब्यूनल के एक फ़ैसले को रद्द कर दिया है, जिसमें 'कॉपी-पेस्ट' सामग्री पाई गई थी। जानिए पूरा मामला और इसके प्रभाव।

यह मामला भारत की डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया और तीन कंपनियों के एक कंसोर्टियम के बीच एक रेलवे अनुबंध से जुड़ा था। मध्यस्थता की सुनवाई दिसंबर 2021 में शुरू हुई थी, जिसमें तीन सदस्यीय ट्रिब्यूनल का गठन किया गया था। इसमें पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा अध्यक्ष थे, जबकि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश कृष्ण कुमार लाहोटी और जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल अन्य सदस्य थे। ट्रिब्यूनल ने अपना फ़ैसला सुनाया, लेकिन इसे सिंगापुर इंटरनेशनल कमर्शियल कोर्ट यानी एसआईसीसी में चुनौती दी गई।