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दिशा रवि: समर्थन में उतरे पर्यावरण कार्यकर्ता और दोस्त

पर्यावरण के मुद्दों पर काम करने वाली बेंगलुरू की दिशा रवि की गिरफ़्तारी के बाद जहां विपक्षी नेताओं ने मोदी सरकार को घेरा है, वहीं दिशा के दोस्तों के साथ ही पर्यावरण कार्यकर्ता भी उसके हक़ में आवाज़ उठाने के लिए आगे आए हैं। 

बेंगलुरू के माउंट कॉर्मेल कॉलेज से बीबीए करने वालीं दिशा पढ़ाई में काफी ब्रिलियंट थीं और कम्युनिकेशन, लीडरशिप के मामलों में कॉलेज में कई बार इनाम जीत चुकी थीं। 

टीओआई के मुताबिक़, दिशा के दोस्तों ने कहा कि स्कूल और कॉलेज के दिनों में दिशा वह सब कुछ करती थीं जो कोई आम स्टूडेंट करता है। दोस्तों ने कहा कि दिशा बॉलीवुड गाने सुनने से लेकर, नेटफ़्लिक्स देखने के अलावा साइकिल भी चलाती थीं। इसके अलावा वह खाना बनाना भी पसंद करती थीं। 

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दिशा की दोस्तों के मुताबिक़, दिशा बेंगलुरू के ऐसे इलाक़े में रहती हैं जहां पर बारिश के दिनों में उसके घर में पानी भर जाता था और तब उसे पर्यावरण संकट की गंभीरता का अहसास हुआ। टीओआई के मुताबिक़, दिशा के दोस्तों ने बताया कि दिशा के दादा किसान थे और दिशा ने सूखे, बाढ़ की मुश्किलों के दौरान उन्हें इससे जूझते देखा था। उसकी दोस्तों ने कहा है कि दिशा ने बहुत संघर्ष किया है और वह अपने घर में कमाने वाली अकेली शख़्स है। 

पुलिस हिरासत में भेजा 

दिशा रवि को शनिवार को गिरफ़्तार किया गया था, इसके बाद उसे दिल्ली की एक अदालत में पेश किया गया और पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। दिशा पर आरोप है कि उसने इस टूलकिट को तैयार करने और इसे सोशल मीडिया पर आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। इस टूलकिट को ग्रेटा तनबर्ग (थनबर्ग) ने ट्वीट किया था। 

पुलिस का दावा है कि ग्रेटा तनबर्ग (थनबर्ग) ने जिस टूलकिट को ट्वीट किया था, उसके पीछे पोएटिक जस्टिस फ़ाउंडेशन का हाथ है। इस संगठन ने निकिता जैकब से भी संपर्क किया था कि वह गणतंत्र दिवस के दिन हुई किसानों की रैली से पहले ट्वीट करे। पुलिस का कहना है कि पोएटिक जस्टिस फ़ाउंडेशन खालिस्तानी अलगाववादी संगठन है। 

दिशा पर राजद्रोह, आपराधिक साज़िश रचने सहित कई गंभीर मुक़दमे दर्ज किए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि दिशा ने एक वॉट्सऐप ग्रुप भी बनाया था और इस टूलकिट को बनाने में सहयोग किया था।
दिशा रवि ने फ्राइडे्स फ़ॉर फ्यूचर इंडिया रैली की शुरुआत की थी। इसे पर्यावरणविद ग्रेटा तनबर्ग (थनबर्ग) ने शुरू किया था और भारत में इसे आगे बढ़ाने का काम दिशा कर रही थीं।
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दिशा की दोस्तों का कहना है कि दिशा समुद्री जीवन और कछुओं के मामले में काम करना चाहती थी और पारिस्थितिक संरक्षण और इसे फिर से बहाल करने की दिशा में ही करियर बनाना चाहती थी। 

सामाजिक कार्यकर्ता मुकुंद गौड़ा ने टीओआई से कहा कि पर्यावरण की दिशा में काम करने वाले कई कार्यकर्ता उसे जानते थे क्योंकि दिशा ने 19 साल की उम्र से ही पर्यावरण से जुड़े कामों में भाग लेना शुरू कर दिया था और उसकी इस काम में बहुत रूचि भी थी। 

गौड़ा कहते हैं कि दिशा लाइमलाइट से दूर रहकर ग्राउंड लेवल पर काम करती थीं। दिशा को जानने वाले कई कार्यकर्ताओं ने उम्मीद जताई है कि वह जल्द ही छूट जाएगी।

निकिता, शांतनु की तलाश

पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ़्तारी के बाद दिल्ली पुलिस दिशा के दो सहयोगियों की तलाश में है। पुलिस ने सोमवार को इन दोनों के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट जारी कर दिया है। इनका नाम निकिता जैकब और शांतनु हैं। दोनों के ख़िलाफ़ दर्ज केस में उन पर ग़ैर जमानती धाराएं लगाई गई हैं। 

सूत्रों के मुताबिक़, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने 11 फ़रवरी को निकिता जैकब की खोज में उनके घर पहुंची थी। पुलिस के मुताबिक़, निकिता ने कहा था कि वह जांच में शामिल होंगी लेकिन वह अंडरग्राउंड हो गयीं। निकिता ने पुलिस की कार्रवाई से राहत के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। हाई कोर्ट इस पर मंगलवार को सुनवाई करेगा। 

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क़मर वहीद नक़वी
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