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कर्नाटक विधानसभा चुनाव: जेडीएस के लिए प्रचार करेंगी ममता बनर्जी 

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ शुक्रवार को कोलकाता में हुई बैठक के कुछ घंटों बाद, जनता दल (सेक्युलर) के नेता एचडी कुमारस्वामी ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि टीएमसी प्रमुख आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी के लिए प्रचार करेंगी।
कुमारास्वामी ने शनिवार को कहा कि ममता बनर्जी ने कहा है कि आगामी विधानसभा चुनावों में वह जेडीएस की तरफ से प्रचार करने के लिए तैयार हैं।  उन्होंने हमसे राज्य में चुनाव प्रचार करने के लिए समय सारिणी तैयार करने को कहा।
ममता से मुलाकात के बाद कुमारास्वामी ने यह भी कहा कि दोनों ही नेताओं के बीच वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा हुई और आगामी लोकसभा के चुनावों में भाजपा से कैसे लड़ा जाए इस पर भी चर्चा हुई।
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आगामी कर्नाटक विधानसभा के चुनाव में जेडीएस के लिए प्रचार करने वाली वह दूसरी मुख्यमंत्री  होंगी, इससे पहले केसीआर भी जेड़ीएस के प्रचार के लिए सहमति दे चुके हैं। केसीआर के प्रचार करने को लेकर सहमति बीआरएस की पहली रैली में सहमति बनी थी। पार्टी का नाम बदलने के बाद पहली रैली में केसीआर ने देशभर के नेताओं को आंमत्रित किया था। उस रैली में कुमारास्वामी, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान जैसे नेता पहुंचे हुए थे।  
कुमारास्वामी द्वारा पार्टी के चुनाव प्रचार के लिए केसीआर को बुलाए जाने का कारण कल्याण कर्नाटक के कई जिले तेलंगाना की सीमा से लगा होना है। जेडीएस को उम्मीद है कि केसीआर वहां पार्टी की मदद कर सकते हैं। इस संबंध में कुमारस्वामी ने हाल ही में एक बयान देते हुए कहा था कि वे हमें तेलुगू बेल्ट में प्रचार करने में मदद करेंगे। इन सीटों पर बीआरएस अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी।
वोक्कालिगा बहुल दक्षिणी कर्नाटक के अपने गढ़ के साथ जेडीएस कल्याण कर्नाटक के मतदाताओं तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। यह क्षेत्र पहले हैदराबाद राज्य का हिस्सा था।    
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कुमारास्वामी से पहले ममता बनर्जी ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। उनके इन प्रयासों को अगले चुनाव के लिए कांग्रेस से इतर गठबंधन बनाने की कोशिशों के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म होने के बाद पैदा हुई स्थितियों में इस कवायद में कुछ दिनों के लिए रोक लगती दिख रही है।
अप्रैल-मई में कर्नाटक विधानसभा विधानसभा के चुनाव कराए जाने हैं। इसके लिए बीजेपी और कांग्रेस के अलावा जेडीएस भी अपनी खोई पकड़ वापस पाने की कोशिश कर रही है। कर्नाटक चुनाव बीजेपी के लिए नाक का सवाल बना हुआ है क्योंकि लोकसभा चुनाव से पहले अगर कर्नाटक हारती है तो फिर उसका दक्षिण का किला ढह जाएगा। आगामी लोकसभा चुनाव के लिहाज से बीजेपी उत्तर भारत में होने वाले नुकसान को दक्षिण भारत में पहुंच बनाकर पूरा करना चाहती है।
कर्नाटक का चुनाव कांग्रेस के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां के नतीजों के बाद ही वह लोकसभा के लेकर तैयारियां शुरु करेगी, सबसे बड़ी बात गठबंधन को लेकर बातचीत शुरु करेगी।
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क़मर वहीद नक़वी
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