एक लंबी चलने वाली लड़ाई के पहले दौर को अकेले आदमी ने आज जीतकर दिखा दिया है ! क्या आप अब भी इस तिरपन साल के ‘नौजवान’ को कोई बधाई या शाबाशी नहीं देना चाहेंगे ? उसकी हिम्मत की दाद नहीं देंगे ? उसकी तरफ़ एक बार भी जी भरकर नहीं देखेंगे ? उसकी आँखों में आँखें डालकर मुस्कुराएँगे नहीं ? उससे उसके घुटने के बारे में कुछ भी नहीं पूछेंगे कि अब दर्द और कितना बचा है ? वही घुटना जिसमें उसकी ऐतिहासिक यात्रा के वक्त चलते-चलते पीड़ा का ज्वालामुखी फूट पड़ता था ! जिसके कदम कड़कती ठंड, गर्मी और बरसात में भी नहीं रुकते थे ! जिसने सड़क को ही अपना घर और आकाश को छत बना लिया था !
इस नायक के जज़्बे को अब भी सलाम नहीं करेंगे ?
- कर्नाटक
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- 29 Mar, 2025
कर्नाटक की जीत में एक नायक का जिक्र बार-बार आता है। सत्य हिन्दी पर इस संबंध में एक रिपोर्ट भी लिखी गई और बताया गया कि कर्नाटक में कांग्रेस की जीत में राहुल गांधी की भी महत्वपूर्ण भूमिका को नजरन्दाज नहीं किया जा सकता। वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग ने आज इस लेख में पूरी संवेदनशीलता से उस नायक का जिक्र किया लेकिन उन्होंने कहीं भी उस नायक का नाम नहीं लिया है। भले ही आप सहमत न हों, फिर भी पढ़िए, काफी रोचक है।
