सेम सेक्स मेरिज को कानूनी मान्यता देने को लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार लगातार विरोध कर रही है। केंद्र सरकार इसे परिवार नामक इकाई पर हमले के तौर पर देख रही है। सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिकाओं का केंद्र सरकार ने खुलकर विरोध किया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट को समलैंगिक विवाह के समर्थन में आदेश पारित नहीं करना चाहिए। बहरहाल, इस मसले पर सुनवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पांच सदस्यों वाली संवैधानिक बेंच का गठन किया है जो 18 अप्रैल से सुनवाई करेगी।
सेम सेक्स मेरिज: विरोध में केंद्र, कानून बनाना विधायिका का अधिकार
- क़ानून
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- 17 Apr, 2023
केंद्र की मोदी सरकार ने कहा कि 'सेम सेक्स मैरिज एक अर्बन एलिटिस्ट कॉन्सेप्ट (यानी शहर के कुलीन लोगों की अवधारणा) है जिसका देश के सामाजिक लोकाचार से कोई लेना देना नहीं है।
