क्या हो जब आपके परिवार का कोई सदस्य इस लॉकडाउन में सैकड़ों किलोमीटर दूर फँसा हो और फ़ोन पर सिर्फ़ इतना ही कह सके कि 'लेने आ सकते हो तो आ जाओ'! फिर उसकी आवाज़ तक न निकले। क्या हो जब आपको अहसास हो जाए कि आपका अपना कोई आख़िरी साँसें गिन रहा है! न कोई वाहन और न एंबुलेंस। पूरी तरह पाबंदी लगी हो। और क्या हो जब आप चाहकर भी मदद करने समय पर नहीं पहुँच सकें! और जब पहुँचें भी तो पार्थिव शरीर मिले।
पलायन : मरने से पहले उसने कहा था- लेने आ सकते हो तो आ जाओ
- मध्य प्रदेश
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- 30 Mar, 2020
क्या हो जब आपके परिवार का कोई सदस्य इस लॉकडाउन में सैकड़ों किलोमीटर दूर फँसा हो और फ़ोन पर सिर्फ़ इतना ही कह सके कि 'लेने आ सकते हो तो आ जाओ'! फिर उसकी आवाज़ तक न निकले।

दिल्ली से पैदल ही घर लौट रहे मुरैना के 38 साल के जिस डेलीवरी ब्वॉय रणवीर सिंह की मौत हुई है, उनकी कहानी रुह को कँपा देने वाली है। वह लॉकडाउन के बाद हज़ारों लोगों के बीच दिल्ली से पैदल ही मध्य प्रदेश में अपने घर लौट रहे थे। लॉकडाउन के बाद घर के लिए निकले रणवीर 200 किलोमीटर से ज़्यादा चल चुके थे और अपने घर से क़रीब 80 किलोमीटर ही दूर थे। उनकी यह कहानी उन हज़ारों लोगों और उनके परिवारों के लिए असह्य पीड़ा से गुज़रने की दास्ताँ कहती है जो सैकड़ों किलोमीटर पैदल ही चलकर घर पहुँचने के लिए निकले हैं या निकल रहे हैं।