कहावत है, ‘सैयां भये कोतवाल तो डर काहे का’ इस उक्ति को ‘रंगदारी’ करने वाले ‘चरितार्थ’ करते रहते हैं। रंगदार यदि नेता हो और वह भी सत्तारूढ़ दल से जुड़ा, तो फिर मसला करेला और नीम चढ़ा वाला भी हो जाता है। शुक्रवार को मध्य प्रदेश की महाकाल नगरी उज्जैन में चौंकाने वाला ऐसा ही एक भयावह घटनाक्रम हुआ, जिसने प्रशासन के होश भी फाख्ता कर दिए।

उज्जैन शहर से लगे देवास की भाजपा विधायक गायत्री राजे पवार के बेटे विक्रम सिंह गाड़ियों के काफिले के साथ उज्जैन के उस महाकाल लोक के उस क्षेत्र में घुस गए, जिसमें प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री अथवा अन्य किसी भी वीवीआईपी का काफिला भी नहीं जाता है। विक्रम सिंह के पिता स्वर्गीय तुकोजी राव पवार देवास से लंबे वक्त तक विधायक रहे। उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सरकार में वे मंत्री भी रहे।