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प्रतीकात्मक तसवीर।

मध्य प्रदेश: चर्च में आग लगाई, दीवारों पर 'राम' लिखा

मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम ज़िले में एक चर्च में आग लगाने की घटना घटी है। चर्च की दीवारों को बदरंग कर दिया गया। दीवार पर 'राम' लिखा हुआ पाया गया है। पुलिस ने कहा है कि घटना को अंजाम देने वालों की पहचान नहीं हो पाई है।

नर्मदापुरम जिले के आदिवासी बहुल सुखतवा ब्लॉक के चौकीपुरा गांव की घटना है। यह घटना रविवार को तब सामने आयी जब स्थानीय लोगों ने ईसाई प्रार्थना कक्ष के अंदर जले हुए फर्नीचर, आग के धुएं से काली हुई दीवारें और दीवार पर 'राम' लिखा हुआ देखा। पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ किसी भी वर्ग के धर्म का अपमान करने के इरादे से पूजा स्थल को नुकसान पहुंचाना या अपवित्र करने की धारा के तहत मामला दर्ज किया है। 

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पीटीआई के अनुसार एक अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, उपद्रवी करीब पांच साल पहले बने और जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर स्थित चर्च में खिड़की की जाली हटाकर अंदर घुसे और उसे अंदर से जला दिया। एक अधिकारी ने घटना के संबंध में दायर एक शिकायत के हवाले से कहा कि कुछ धार्मिक ग्रंथ और फर्नीचर सहित अन्य सामान भी आग में जलकर नष्ट हो गए।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय लोगों ने कहा कि चर्च अमेरिका में इवेंजेलिकल लूथरन चर्च से जुड़ा था।

छत्तीसगढ़ में भी चर्च में हुई थी तोड़फोड़

हाल ही में ऐसी ही एक घटना पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में भी हुई थी। पिछले महीने की शुरुआत में बस्तर इलाके में एक चर्च में तोड़फोड़ की गई और पुलिस पर हमला किया गया था। हमले में एसपी को भी चोट लगी थी। 2 जनवरी को नारायणपुर में एक भीड़ ने कथित तौर पर एक चर्च में तोड़फोड़ की और उन्हें शांत करने की कोशिश कर रही पुलिस टीम पर हमला कर दिया था। 

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बस्तर में यह घटना तब घटी थी जब चर्च पर धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए 31 दिसंबर से ही एक समूह सक्रिय था। हालांकि इसे आदिवासियों का समूह बताया जा रहा है। वह समूह नारायणपुर में चर्च के खिलाफ प्रचार भी कर रहा था। 1 जनवरी को चर्च में कार्यक्रम था, जिसे उस संगठन ने धर्मांतरण से जोड़ दिया। 

कर्नाटक में भी ऐसे हमले

कर्नाटक में भी चर्च को निशाना बनाए जाने की ख़बरें जब तब आती रही हैं। पिछले साल दिसंबर महीने में क्रिसमस से पहले मैसूर में कुछ अज्ञात लोगों ने एक चर्च में तोड़फोड़ की थी। उन्होंने चर्च में लगी बेबी जीसस की मूर्ति को खंडित कर दिया था। इस घटना से एक साल पहले भी कर्नाटक में कई जगहों पर चर्च और ईसाई समुदाय पर हमले के मामले सामने आए थे। कर्नाटक के कोलार में दक्षिणपंथी समूहों से जुड़े लोगों ने ईसाइयों की धार्मिक किताबों में आग लगा दी थी और कुछ हथियारबंद लोग कर्नाटक के बेलगावी में स्थित एक चर्च के प्रार्थना कक्ष में घुस गए थे। दक्षिण कर्नाटक के चिकबल्लापुर में सेंट जोसेफ़ चर्च में तोड़फोड़ हुई थी। 

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पिछले साल सितंबर महीने में सुप्रीम कोर्ट ने चर्च पर हमलों को लेकर नाराज़गी जताई थी। सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्रालय से कहा था कि वह उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड सहित कई अन्य राज्यों में ईसाई समुदाय और उनके चर्च पर हमलों पर रिपोर्ट दे। जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह आदेश दिया था। तत्कालीन जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने कहा था कि किसी पर हमले का मतलब यह नहीं है कि यह उसके समुदाय पर हमला है, लेकिन अगर इसे जनहित याचिका में उठाया गया है तो ऐसी किसी भी घटना के दावों को सत्यापित करने की जरूरत है।
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