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एमपी: यौन उत्पीड़न केस वापस नहीं लेने पर दलित की हत्या, माँ को निर्वस्त्र किया

बहन के यौन उत्पीड़न का केस वापस नहीं लिया तो भाई की पीटकर हत्या कर दी। उसकी माँ को निर्वस्त्र कर पिटाई की। घर में तोड़फोड़ की। अब पुलिस ने मुख्य संदिग्ध समेत आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। रिपोर्ट के अनुसार ग्राम प्रधान के पति समेत कुछ आरोपी अभी भी फरार हैं।

आरोपी पीड़ित युवक की बहन पर शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहा था। घटना मध्य प्रदेश के सागर जिले में गुरुवार को हुई। 2019 में पीड़ित युवक की बहन द्वारा दायर यौन उत्पीड़न के मामले को वापस लेने को लेकर उसके और आरोपी के बीच बहस हुई। बहन द्वारा दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न के मामले को वापस लेने से इनकार करने पर पीड़ित को पीट-पीटकर मार डाला गया। इस घटना ने अब राजनीतिक रूप से तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मुद्दे को उठाया है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि 'सागर में संत रविदास मंदिर बनवाने का ढोंग रचने वाले प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश में लगातार होते दलित व आदिवासी उत्पीड़न एवं अन्याय पर चूँ तक नहीं करते। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री केवल कैमरे के सामने वंचितों के पैर धो कर अपना गुनाह छुपाने की कोशिश करते हैं। …पर भाजपा ने मध्य प्रदेश को दलित अत्याचार का प्रयोगशाला बना रखा है। भाजपा शासित मध्य प्रदेश में दलितों के ख़िलाफ़ अपराधों का रेट सबसे ज़्यादा है, राष्ट्रीय औसत से भी तीन गुना है।'

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा है, 'खुरई विधानसभा क्षेत्र में मंत्री के गुर्गे दलित लड़की के साथ छेड़छाड़ के बाद राजीनामा न करने पर युवक की पीट कर हत्या कर देते हैं, माँ को निर्वस्त्र कर हाथ तोड़ देते हैं। बहन के साथ मारपीट तथा उनके घर को ढहा देते हैं। ऐसा भयानक दृश्य भाजपा के शासन में हो रहा है।'

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सागर जिले में हाल ही में पीएम मोदी द्वारा संतगुरु रविदास जी का स्मारक बनाने की नींव रखे जाने का ज़िक्र करते हुए बीएसपी प्रमुख मायावती ने भी बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। 
मायावती ने कहा है कि इस प्रकार की क्रूर जातिवादी घटनाओं की जितनी भी निन्दा की जाए वह कम है।
भीम आर्मी प्रमुख चंद्र शेखर आज़ाद ने इस घटना को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पर हमला किया और कहा, 'आपके शासन में हाशिए पर रहने वाले समुदायों के खिलाफ अत्याचार अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गए हैं'।

बता दें कि इस मामले में आरोपी दबंग परिवार से आते हैं। नौ आरोपियों को नामजद और तीन-चार अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार एडिशनल एसपी संजीव उइके के मुताबिक, 'मुख्य आरोपी समेत नौ लोगों के खिलाफ धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया गया है। अस्पताल में पीड़िता की मौत के बाद धारा 302 और एससी/एसटी एक्ट भी लगाया गया है।'

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रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़िता की बहन के अनुसार, कोमल सिंह, विक्रम सिंह और आज़ाद सिंह सहित आरोपी उसके घर आए और उन्हें यौन उत्पीड़न का मामला वापस लेने के लिए दबाव बनाया। हालाँकि, जब पीड़िता की माँ ने इनकार कर दिया, तो उन्होंने उसे धमकी दी और उसके घर में तोड़फोड़ की। रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता की बहन ने कहा है, 'वे घर से निकले और गांव में बस स्टैंड के पास मेरे भाई (पीड़ित युवक) से मिले और उसे पीटना शुरू कर दिया। जब मेरी मां बीच-बचाव करने वहां गई तो उन लोगों ने उसके साथ भी मारपीट की और उसे निर्वस्त्र कर दिया। मैंने उनसे उन्हें छोड़ने की विनती की। उन्होंने मुझे बलात्कार करने की धमकी दी। मैं जंगल में भाग गई और मदद के लिए पुलिस को बुलाया।'
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क़मर वहीद नक़वी
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