वैसे तो 'बंटेंगे तो कटेंगे' का नारा वोटों के ध्रुवीकरण के लिए दिया गया, लेकिन लगता है कि इसका शिकार खुद बीजेपी और एनडीए ही हो गया है। इस नारे पर उनके अंदर ही मतभेद उभरकर सामने आए हैं। बीजेपी नेताओं- पंकजा मुंडे और अशोक चव्हाण द्वारा इस नारे से खुद को अलग किए जाने के बाद जब अजित पवार ने भी इस नारे को खारिज कर दिया तो देवेंद्र फडणवीस ने उनपर ही हमला कर दिया।