महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे से जुड़ी कंपनी की पुणे लैंड डील को रद्द कर दिया गया है। भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों के गंभीर आरोप लगने और विपक्षी दलों के निशाने पर आने के बाद अजित पवार पर गंभीर सवाल उठ रहे थे। विपक्ष ने इसे 'जमीन लूट' करार देते हुए अजित पवार से इस्तीफे की मांग की। इन्हीं दबावों के बीच एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले में जाँच का आदेश दिया था। पहले ही एक सब-रजिस्ट्रार को निलंबित किया जा चुका है। इस बीच, शुक्रवार को अजित पवार मीडिया के सामने आए और अजीब तर्क रखा कि उनके बेटे पार्थ और उनके बिजनेस पार्टनर को यह जानकारी ही नहीं थी कि खरीदी जा रही ज़मीन सरकार की है। उन्होंने सफ़ाई दी कि सौदा रद्द कर दिया गया है और वह किसी भी गलत काम को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
विवाद में फँसे तो अजित पवार बोले- पार्थ को सरकारी जमीन होने का पता नहीं था, लैंड डील रद्द
- महाराष्ट्र
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- 7 Nov, 2025

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने विवादित जमीन सौदे पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि पार्थ पवार को यह नहीं पता था कि जमीन सरकारी संपत्ति है, इसलिए डील रद्द कर दी गई है। विपक्ष ने इस मामले में पवार परिवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

अजित पवार ने मुंबई में पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'पार्थ और उनके पार्टनर दिग्विजय पाटिल को यह पता नहीं था कि पुणे की यह जमीन सरकारी है। सौदा केवल खरीद समझौते तक सीमित था, कोई भुगतान नहीं हुआ। सार्वजनिक जीवन में संदेह की गुंजाइश भी नहीं होनी चाहिए, इसलिए पार्थ ने खुद ही सौदा रद्द करने का फैसला लिया।' उन्होंने कहा कि अधिकारियों पर कोई दबाव नहीं डाला गया और जांच में पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी।























