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मुंबई: टीपू सुल्तान के नाम पर पार्क को लेकर महाराष्ट्र में मचा बबाल

महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर विवाद अभी थमा भी नहीं था कि मुंबई में पार्क का नाम टीपू सुल्तान रखे जाने के मुद्दे पर महाराष्ट्र की राजनीति फिर गर्मा गई है।

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता असलम शेख ने अपने विधानसभा क्षेत्र में पार्क का नाम टीपू सुल्तान रखने का ऐलान किया है जिस पर बीजेपी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के हिंदुत्व के मुद्दे पर सवाल उठाए हैं। बीजेपी का कहना है कि शिवसेना का हिंदुत्व का मुद्दा सिर्फ़ ढकोसला जैसा है। वहीं शिवसेना का कहना है कि पार्क का नाम पहले से ही टीपू सुल्तान के नाम पर रखा हुआ है और मंत्री असलम शेख ने सिर्फ़ इसका सुंदरीकरण किया है इसलिए इस पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए।

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असलम शेख़ ने विधानसभा क्षेत्र मलाड में एक मैदान का नाम टीपू सुल्तान रखने का फ़ैसला किया है। इसका उद्घाटन गणतंत्र दिवस के मौक़े पर खुद असलम शेख करने वाले हैं। बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री आशीष शेलार का कहना है कि जिस शासक ने भारत के हजारों लोगों को मौत के घाट उतारा था आखिर ऐसे व्यक्ति के नाम पर पार्क का नाम रखने को लेकर कांग्रेस और उद्धव ठाकरे सरकार की नीति और नियत साफ दिखाई देती है। शेलार का कहना है कि महाराष्ट्र सरकार यह ठीक से जानती है कि टीपू सुल्तान ने भारत पर आक्रमण करके हजारों लोगों को मौत के घाट उतारा था तो फिर ठाकरे सरकार टीपू सुल्तान के नाम पर पार्क का नाम क्यों रख रही है।

महाराष्ट्र बीजेपी प्रवक्ता और विधायक राम कदम ने असलम शेख पर हमला करते हुए कहा है कि असलम शेख को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जिस व्यक्ति ने भारत पर हमला किया हो आखिर उस व्यक्ति के नाम पर किसी खेल मैदान का नाम हम कैसे रख सकते हैं। 

इसके साथ ही राम कदम ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वैसे तो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हिंदुत्व के मुद्दे पर हमें पाठ पढ़ाते हैं लेकिन जब उसी हिंदुत्व के रास्ते पर चलने की बारी आती है तो मुख्यमंत्री साहब आँख बंद कर लेते हैं। ऐसे में शिवसेना का यह दोहरा मापदंड जनता देख रही है और जनता उन्हें ज़रूर सबक़ सिखाएगी।

राम कदम का कहना है कि हमले के दौरान टीपू सुल्तान ने भारत के कई मंदिर भी तोड़ दिए थे। ऐसे में महाराष्ट्र के हिंदुत्ववादी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे उनके ही राज में एक खेल मैदान का नाम टीपू सुल्तान रखने पर अपने एक मंत्री को क्यों नहीं रोक पा रहे हैं?

क्या उद्धव ठाकरे को अपनी सरकार बचाने के लिए हिंदुत्व की बलि देनी पड़ रही है, ऐसा भी सवाल राम कदम ने उठाया है। राम कदम ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री इस मामले में दखल नहीं देते हैं तो फिर बीजेपी सड़कों पर उतर कर टीपू सुल्तान के समर्थकों का विरोध करेगी।

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टीपू सुल्तान के नाम पर खेल मैदान का नाम रखने के फ़ैसले के बाद विश्व हिंदू परिषद ने भी महाराष्ट्र सरकार के ख़िलाफ़ अपनी नाराज़गी जाहिर की है। वीएचपी महाराष्ट्र के प्रवक्ता श्रीराज नायर का कहना है कि वीएचपी असलम शेख के इस फ़ैसले का विरोध करती है और अगर महाराष्ट्र सरकार ने असलम शेख के फ़ैसले पर रोक नहीं लगाई तो फिर वीएचपी सरकार के ख़िलाफ़ इस मामले में अदालत का दरवाजा भी खटखटाएगी।

बीजेपी द्वारा सरकार को कटघरे में खड़ा करने के बाद शिवसेना की तरफ़ से भी बयान सामने आया है। शिवसेना प्रवक्ता आनंद दुबे का कहना है कि इस पार्क का नाम पहले से ही टीपू सुल्तान के नाम पर है ऐसे में बीजेपी द्वारा इसको लेकर बेवजह मुद्दा बनाया जा रहा है। अगर बीजेपी को टीपू सुल्तान के नाम से ज़्यादा ही परहेज है तो वह अदालत में जाए। वहीं मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने इस मामले पर खुद बीजेपी को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है।

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पेडणेकर का कहना है कि साल 2013 में बीजेपी ने भी गोवंडी इलाके में एक पार्क का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखा था, ऐसे में जब मुंबई के मलाड इलाके में मैदान का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखा जा रहा है तो फिर उनको एतराज क्यों है। इससे बीजेपी के दोगलापन का पता चलता है।

बता दें कि कर्नाटक में जब बीजेपी की सरकार बनी थी तो साल 2019 में कर्नाटक सरकार ने टीपू सुल्तान की जयंती मनाने पर रोक लगा दी थी। इससे पहले जब साल 2015 में सिद्धारमैया के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी थी तो सिद्धारमैया ने टीपू सुल्तान की जयंती मनाने का फ़ैसला किया था। यही कारण है कि बीजेपी टीपू सुल्तान के मुद्दे को लेकर महाराष्ट्र में आक्रामक हो रही है।

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सोमदत्त शर्मा
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