मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनावों से महज दो सप्ताह से अधिक समय पहले, प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) और कांग्रेस पार्टी ने गठबंधन की घोषणा की है। यह गठबंधन मुंबई तक सीमित है, जबकि महाराष्ट्र की अन्य 28 नगर निगमों के लिए फैसला स्थानीय स्तर पर लिया जाएगा।

महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने इस गठबंधन को "प्राकृतिक गठबंधन" बताते हुए कहा, "यह कांग्रेस और वीबीए के बीच स्वाभाविक गठबंधन है। दोनों संविधान का पालन करते हैं और समान विचारधाराएं रखते हैं।" उन्होंने मराठी में कहा, "संविधानाला अभिप्रेत असणारा भारत घडवणे हा भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस आणि वंचित बहुजन आघाडीचा अजेंडा आहे।"

सीट बंटवारे के अनुसार, कांग्रेस 227 सीटों वाली बीएमसी में 165 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, जबकि वीबीए 62 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। चुनाव 15 जनवरी 2026 को होंगे और मतगणना अगले दिन होगी।

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यह गठबंधन पिछले महीने नांदेड़ नगर निगम चुनावों में हुए समझौते का विस्तार है। कांग्रेस इस साझेदारी से दलित वोट बैंक को मजबूत करने की उम्मीद कर रही है।

बीएमसी चुनावों में विभिन्न गठबंधनों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। महायुति में भाजपा और एकनाथ शिंदे की शिवसेना साथ हैं, जबकि उद्धव ठाकरे की टीम राज ठाकरे से गठजोड़ कर रही है। अजित पवार की एनसीपी अलग लड़ेगी, जबकि शरद पवार की एनसीपी का गठबंधन अभी घोषित नहीं हुआ है। कांग्रेस महा विकास आघाड़ी (एमवीए) का हिस्सा बनी हुई है, जिसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार की एनसीपी शामिल हैं।

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कांग्रेस और वीबीए के बीच过去 में संबंध तनावपूर्ण रहे हैं। 2019 लोकसभा चुनावों में वीबीए ने एआईएमआईएम के साथ गठबंधन किया था, जिससे कांग्रेस-एनसीपी को नुकसान हुआ। बाद में विधानसभा चुनावों में अलग-अलग लड़ाई हुई, लेकिन हाल के चुनावों में वीबीए का वोट शेयर घटता गया।

इस गठबंधन की घोषणा वीबीए के धैर्यवर्धन पुंडकर और हर्षवर्धन सपकाल ने संयुक्त रूप से की। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह गठबंधन मुंबई की राजनीति को नई दिशा दे सकता है।