महाराष्ट्र में जब चुनाव प्रचार चल रहा था तब नेता किसानों का 'मसीहा' बनने का दावा कर रहे थे। किसान तब भी आत्महत्या कर रहे थे और जब नेता चुनाव जीतने के बाद क़रीब एक महीने तक सत्ता के लिए तिकड़म चला रहे थे तब भी किसान आत्महत्या ही कर रहे थे। दरअसल, नवंबर में नेता जब सत्ता हथियाने के लिए संघर्ष कर रहे थे तब आत्महत्या के मामले काफ़ी ज़्यादा थे। 300 ऐसे मामले आए। एक महीने के अंदर आत्महत्या के इतने मामले चार साल में सबसे ज़्यादा थे। इससे पहले 2015 में इससे भी ज़्यादा मामले कई बार आए थे।
महाराष्ट्र: किसान आत्महत्या करते रहे और नेता सत्ता के लिए लड़ते रहे
- महाराष्ट्र
- |
- 3 Jan, 2020
महाराष्ट्र में जब चुनाव प्रचार चल रहा था तब नेता किसानों का 'मसीहा' बनने का दावा कर रहे थे। किसान तब भी आत्महत्या कर रहे थे और जब नेता चुनाव जीतने के बाद क़रीब एक महीने तक सत्ता के लिए तिकड़म चला रहे थे तब भी किसान आत्महत्या ही कर रहे थे।

सांकेतिक तसवीर।