क्या महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव जीतने के लिये राज्य की बीजेपी-शिवसेना गठबंधन वाली सरकार सरकारी खजाने से 5000 करोड़ रुपये लुटाने का ‘खेल’ खेलने जा रही है? क्या भुगतान की आड़ में जनता को बेवकूफ़ बनाया जा रहा है? पूर्व गृहमंत्री व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी चीनी मिलों पर चढ़े कर्जों व गन्ना किसानों के बकाया भुगतान का दबाव बनाकर उनके मालिकों को अपनी पार्टी में शामिल कर रही है! कुछ देर बाद ऐसा ही बयान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता व पूर्व उप मुख्यमंत्री अजित पवार की तरफ़ से भी आया।
महाराष्ट्र: कर्ज माफ़ी के लालच में दल-बदल का 'खेल'?
- महाराष्ट्र
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- 28 Jul, 2019


क्या विधानसभा का चुनाव जीतने के लिये राज्य की बीजेपी-शिवसेना गठबंधन वाली सरकार सरकारी खजाने से 5000 करोड़ रुपये लुटाने का ‘खेल’ खेलने जा रही है?
यह पहली बार होगा जब कांग्रेस और एनसीपी के बड़े नेता जो शरद पवार के क़रीबी हों, का बयान शुगर लॉबी को लेकर आया। प्रदेश के गन्ना और दुग्ध उत्पादकों तथा किसानों के मुद्दों पर संघर्ष करने वाले पूर्व सांसद तथा स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी के अनुसार, महाराष्ट्र की जिन 180 के लगभग चीनी मिलों पर किसानों का पैसा बकाया है, उनमें से लोकसभा चुनाव के पहले तक 77 बीजेपी नेताओं, 53 एनसीपी नेताओं, 43 कांग्रेस नेताओं और शेष शिवसेना नेताओं के स्वामित्व वाली थीं। विधानसभा चुनाव की जोड़तोड़ के लिए चल रहे ‘खेल’ की वजह से राज्य की 100 चीनी मिलों पर बीजेपी का कब्जा हो गया है और शायद इसी के दम पर बीजेपी-शिवसेना दावा कर रही हैं कि 288 सदस्यों वाली विधानसभा में इस बार उनका गठबंधन 220 सीटें जीतेगा।
























