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विधायकों के साथ एक बार फिर गुवाहाटी क्यों पहुंचे सीएम शिंदे?

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपने सभी मंत्रियों और समर्थक विधायकों के साथ एक बार फिर गुवाहाटी पहुंच गए हैं। हालांकि इस बार वहां पर शिंदे प्रसिद्ध कामाख्या देवी मंदिर में पूजा-अर्चना करने पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके बागी विधायकों ने सरकार बनने से पहले मन्नत मांगी थी और मन्नत के पूरा होने के बाद सभी विधायक गुवाहाटी पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि सभी विधायक माँ कामाख्या मंदिर में दर्शन करेंगे और रविवार को वापस मुंबई लौट आएंगे।

दरअसल, इसी साल जून महीने में एकनाथ शिंदे उद्धव ठाकरे से बगावत करके सूरत के रास्ते गुवाहाटी पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने उद्धव ठाकरे की सरकार गिरा दी थी। 

बताया जा रहा है कि एकनाथ शिंदे अपने समर्थक विधायकों के साथ उसी होटल में ठहरेंगे, जिस होटल में पिछली बार ठहरे थे। इस बार भी शिंदे और उनके विधायकों के लिए करीब 100 कमरे होटल में बुक किए गए हैं। 

Maharashtra CM Eknath Shinde In Guwahati - Satya Hindi

इसके जवाब में एकनाथ शिंदे ने विपक्ष पर हमला बोला है और कहा कि अगर उसमें हिम्मत है तो वह उनकी सरकार गिरा कर दिखाए। शिंदे ने कहा कि वह कोई भी काम छिपकर नहीं करते हैं। जो करते हैं खुलेआम करते हैं। एकनाथ शिंदे ने गुवाहाटी की यात्रा पर सवाल उठाने वालों को जवाब दिया कि जब पहली बार जून महीने में हम कामाख्या मंदिर में दर्शन के लिए आए थे तो हमने मां कामाख्या से मन्नत मांगी थी कि हम सरकार बनाने के बाद एक बार फिर आप का दर्शन करेंगे। 

यही कारण है कि हम मां कामाख्या का दर्शन करने के लिए गुवाहाटी जा रहे हैं।

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मुख्यमंत्री शिंदे और उनके समर्थक विधायकों की गुवाहाटी यात्रा पर महाराष्ट्र में राजनीति भी शुरू हो गई है। महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री और नेता विपक्ष अजित पवार ने एकनाथ शिंदे और उनके विधायकों की गुवाहाटी यात्रा पर चुटकी लेते हुए कहा है कि एकनाथ शिंदे मंदिर मंदिर अपनी सरकार को बचाने के लिए दौड़ लगा रहे हैं। अजित पवार ने कहा कि एकनाथ शिंदे कभी किसी पंडित को अपना हाथ दिखाते हैं और अब मां कामाख्या देवी के मंदिर में बलि चढ़ाने जा रहे हैं। पवार ने कहा कि एकनाथ शिंदे को डर है कि कहीं उनकी सरकार गिर ना जाए।

जून महीने में एकनाथ शिंदे अपने समर्थक विधायकों के साथ गुवाहाटी में पहुंचे थे तो वहां की मौजूदा बीजेपी सरकार ने उनकी काफी मदद की थी। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने एकनाथ शिंदे और उनके विधायकों को सुरक्षा दी थी और सरमा ने खुद शिंदे से मुलाकात की थी। इस बार भी मुख्यमंत्री शिंदे और सरमा की मुलाकात होने वाली है। 

सूत्रों के हवाले से जानकारी यह भी सामने आई है कि महाराष्ट्र बीजेपी के कुछ नेता भी गुवाहाटी पहुंच चुके हैं जो को-आर्डिनेशन का काम करेंगे। 

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शिवसेना से की थी बगावत

बता दें कि इसी साल जून महीने में एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे से बगावत कर दी थी और अपने समर्थक 17 विधायकों के साथ सूरत के पांच सितारा होटल में पहुंच गए थे। इसके बाद शिवसेना के नेताओं ने सूरत में पहुंचकर एकनाथ शिंदे से मुलाकात की थी। लेकिन उद्धव ठाकरे की तरफ से दबाव बढ़ता देख एकनाथ शिंदे असम के गुवाहाटी पहुंच गए थे। जिसके बाद धीरे-धीरे और विधायक उनके पाले में पहुंच गए थे और यह संख्या 39 तक पहुंच गयी थी। 

बाद में महाविकास आघाडी सरकार के पास बहुमत ना होने के चलते तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और नाटकीय घटनाक्रम में एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए थे।

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सोमदत्त शर्मा
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