परभणी में 15 दिसंबर को सोमनाथ सूर्यवंशी, जो अंबेडकर की तरह वकील बनने के लिए पढ़ाई कर रहे थे, उनकी कानून की परीक्षा से दो दिन पहले हिरासत में मौत हो गई। अंतरिम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण "कई चोट" बताया गया है। इस घटना ने दलितों में चिंगारी का काम किया। सोमनाथ की मौत के बाद परभणी शहर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। क्योंकि इससे पहले 10 दिसंबर को अंबेडकर प्रतिमा के बगल में रखी संविधान की प्रति का "अपमान" किया गया था। दलितों ने जब इसका विरोध किया तो पुलिस ने उनके प्रदर्शन के दौरान तमाम अत्याचार किये। सोमनाथ की मौत ने दलितों को फिर से आंदोलन का मौका दिया, इस पर वहां फिर हिंसा हुई।