महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल का विस्तार होने के बाद एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने नए मंत्रियों को बंगले आवंटित करना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री का आधिकारिक निवास वर्षा बंगला होता है। लेकिन महाराष्ट्र के एक "रामटेक" नाम का बंगला सुर्खियाँ बटोर रहा है। महाराष्ट्र के मंत्रियों में ऐसा अंधविश्वास है कि जो मंत्री इस बंगले में रहता है उसकी कुर्सी चली जाती है। पूर्व की सरकार में यह बंगला एनसीपी के नेता छगन भुजबल को अलॉट हुआ था, उनकी कुर्सी चली गई थी। कहा जा रहा है कि यही कारण है कि सरकार का कोई भी मंत्री इस बंगले को लेना नहीं चाहता है।
महाराष्ट्र: मंत्री क्यों नहीं लेना चाहते 'रामटेक' बंगला?
- महाराष्ट्र
- |
- |
- 24 Aug, 2022

क्या राजनेताओं में अभी भी इतना अंधविश्वास है कि वे किसी बंगले को इसलिए नहीं ले पाएँ कि बंगले की वजह से उनकी कुर्सी चली जाएगी?
महाराष्ट्र की नई सरकार में मंत्रियों को बंगलों का बँटवारा हो गया है। पिछली सरकारों के मुताबिक़ इस सरकार में भी रामटेक नाम के बंगले का चुनाव करता हुआ कोई भी मंत्री नहीं दिखा। इस बीच मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी की गई लिस्ट के मुताबिक इस बार रामटेक बंगला शिवसेना के शिंदे गुट के मंत्री दीपक केसरकर को दिया गया है। सूत्रों से पता चला है कि महाराष्ट्र सरकार की तरफ से कई मंत्रियों से उनके पसंदीदा 3 बंगलों की लिस्ट मांगी गई थी लेकिन दीपक केसरकर को छोड़कर किसी भी मंत्री ने रामटेक बंगले का नाम इस लिस्ट में नहीं दिया। यही कारण है कि आखिर में दीपक केसरकर को रामटेक बंगला अलॉट कर दिया गया।