क्या राजनेताओं में अभी भी इतना अंधविश्वास है कि वे किसी बंगले को इसलिए नहीं ले पाएँ कि बंगले की वजह से उनकी कुर्सी चली जाएगी?
एकनाथ खडसे के मंत्री बनाए जाने के कुछ दिन बाद ही उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे जिसके बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा व बंगला खाली करना पड़ा। इसके बाद से यह बंगला खाली पड़ा है और किसी ने भी इस बंगले की डिमांड नहीं की।