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महाराष्ट्र: स्पीकर के चुनाव को लेकर ठाकरे सरकार और राज्यपाल फिर आमने-सामने

महाराष्ट्र में विधानसभा स्पीकर के चुनाव को लेकर उद्धव ठाकरे सरकार और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी में फिर ठन गई है। महाराष्ट्र सरकार ने राज्यपाल को स्पीकर के चुनाव के लिए एक प्रस्ताव भेजा था लेकिन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने प्रस्ताव यह कहकर खारिज कर दिया कि सरकार ने बगैर उनकी अनुमति के नियमों में बदलाव किया है। 

महाराष्ट्र सरकार ने स्पीकर के चुनाव के लिए वोटिंग की प्रक्रिया में बदलाव किया था जिसके बाद राज्य सरकार और राज्यपाल आमने-सामने आ गए हैं।

दरअसल, इस समय महाराष्ट्र सरकार का शीतकालीन अधिवेशन चल रहा है। पिछले साल विधानसभा के स्पीकर रहे कांग्रेस नेता नाना पटोले ने इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद से यह पद खाली चल रहा है। सरकार इस सत्र में स्पीकर का चुनाव कराना चाहती है। 

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सरकार ने राज्यपाल को स्पीकर के चुनाव के लिए जो प्रस्ताव भेजा उसमें वोटिंग कराने का तरीका बदल दिया गया। इसी के चलते राज्यपाल ने राज्य सरकार का यह प्रस्ताव खारिज कर दिया।

वॉइस वोटिंग के जरिए चुनाव 

महाराष्ट्र सरकार ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को स्पीकर के चुनाव के लिए जो प्रस्ताव भेजा था उसमें स्पीकर का चुनाव वॉइस वोटिंग के जरिए कराने की बात कही थी। लेकिन स्पीकर का चुनाव पिछले कई सालों से गुप्त मतदान के जरिए होता आ रहा है। 

कोश्यारी का एतराज 

राज्यपाल कोश्यारी ने सरकार के इसी बदलाव पर एतराज जताते हुए महाराष्ट्र सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। राज्यपाल ने साथ ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर वोटिंग की प्रक्रिया को असंवैधानिक भी बताया है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के चुनाव के लिए अलग-अलग तरीका नहीं हो सकता है। 

कोश्यारी ने चिट्ठी में यह भी लिखा है कि डिप्टी स्पीकर का चुनाव भी गुप्त मतदान के जरिए हुआ था ऐसे में स्पीकर का चुनाव वॉइस वोटिंग के जरिए नहीं हो सकता।

Maharashtra speaker election Thackeray government and governor clash - Satya Hindi

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा स्पीकर के चुनाव के प्रस्ताव को खारिज किए जाने के बाद ठाकरे सरकार और राज्यपाल एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं। बदलाव को असंवैधानिक बताए जाने के बाद इस पर शिवसेना विधायकों ने पलटवार करते हुए कहा कि राज्यपाल राज्य के मंत्रिमंडल की सिफारिशों को लागू करने के लिए बाध्य हैं। 

शिवसेना का कोश्यारी पर हमला 

शिवसेना नेता कृष्णा हेगड़े का कहना है कि जब से महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी की सरकार बनी है तभी से राज्यपाल सरकार के हर फैसले का विरोध करते हुए नजर आ रहे हैं। यह पहला मौका नहीं है जब राज्यपाल ने महाराष्ट्र सरकार के कामकाज में दखल दिया है। इससे पहले भी कई बार राज्यपाल और सरकार आमने सामने आ चुके हैं।    

बीजेपी की बी टीम हैं कोश्यारी: पटोले

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को बीजेपी की बी टीम करार दिया है। पटोले का कहना है कि राज्यपाल हमेशा से महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी सरकार का विरोध करते रहे हैं, ऐसे में यह उनका कोई नया पैंतरा नहीं है। पटोले ने कहा कि राज्यपाल को महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल की सिफारिशों को लागू करना चाहिए।

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बीजेपी ने उठाए सवाल

बीजेपी ने सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए हैं। विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि जब स्पीकर के चुनाव में महाराष्ट्र की परंपरा गुप्त मतदान की रही है तो फिर ठाकरे सरकार ओपन वोटिंग क्यों कराना चाहती है। फडणवीस ने चुटकी लेते हुए कहा कि कहीं ठाकरे सरकार को इस बात का तो डर नहीं है कि अगर गुप्त मतदान के जरिए स्पीकर का चुनाव हुआ तो कहीं उसके विधायक स्पीकर के चुनाव में विरोध में मतदान ना कर दें।

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ठाकरे की बीमारी का मुद्दा

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बीमारी की वजह से अभी तक विधानसभा के शीतकालीन सत्र में हाजिर नहीं हो सके हैं। ऐसे में सरकार विधानसभा के अंदर बैकफुट पर नजर आती देख रही है। हालांकि शिवसेना से जुड़े बड़े सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे मंगलवार को विधानसभा की कार्यवाही में हाजिर हो सकते हैं।

इससे पहले उद्धव ठाकरे के बीमार होने के बाद यह भी अटकलें लगाई जा रही थीं कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री को लेकर बदलाव हो सकता है। हालांकि उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने इन अटकलों पर विराम लगा दिया था। 

उद्धव ठाकरे लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ना केवल कैबिनेट की मीटिंग में हिस्सा ले रहे हैं बल्कि जरूरी कामकाज भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए निपटा रहे हैं।

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सोमदत्त शर्मा
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