महाराष्ट्र में पिछले साल विधानसभा में बड़ी जीत के बाद अब स्थानीय निकाय चुनावों के पहले दो चरणों में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन किया है। म्यूनिसिपल काउंसिल और नगर पंचायत चुनावों में महायुति ने 207 पद जीत लिए हैं, जबकि विपक्षी महा विकास अघाड़ी यानी एमवीए 44 पद ही जीत पाया। इनमें बीजेपी अकेले सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जो 288 निकायों में से सवा सौ से ज़्यादा पद जीती। एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी का भी शानदार प्रदर्शन रहा।

विपक्षी महा विकास अघाड़ी यानी एमवीए का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा। एमवीए कुल मिलाकर 50 के आसपास ही पहुंच पाई। एमवीए में कांग्रेस सबसे ज़्यादा पद जीती। शिवसेना यूबीटी और शरद पवार की एनसीपी (एसपी) का प्रदर्शन ज्यादा ही ख़राब रहा। इस स्थानीय निकाय चुनाव के लिए भी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य भर में अकेले 38 रैलियाँ कीं। बीजेपी ने इस चुनाव को ऐसे लड़ा जैसे विधानसभा और लोकसभा के चुनाव हों। अब मुंबई में बीएमसी चुनाव से पहले यह बीजेपी के लिए राहत और विपक्षी एमवीए के लिए बड़ी चिंता की ख़बर है।
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ये चुनाव दो चरणों में हुए। पहला चरण 2 दिसंबर को और दूसरा चरण 20 दिसंबर को हुआ। कुल 288 म्यूनिसिपल काउंसिल और नगर पंचायतों में वोटिंग हुई। मतगणना रविवार सुबह 10 बजे शुरू हुई।

पीएम ने विकास की जीत बताया

प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर पोस्ट में कहा है, 'महाराष्ट्र विकास के साथ मज़बूती से खड़ा है! नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों में बीजेपी और महायुति को आशीर्वाद देने के लिए महाराष्ट्र के लोगों का आभारी हूँ। यह लोगों पर केंद्रित विकास के हमारे विज़न में उनके भरोसे को दिखाता है। हम पूरे राज्य में हर नागरिक की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नई ऊर्जा के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं ज़मीनी स्तर पर कड़ी मेहनत के लिए बीजेपी और महायुति कार्यकर्ताओं की तारीफ़ करता हूँ।'
बीजेपी ने इस जीत को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की नेतृत्व क्षमता का प्रमाण बताया। फडणवीस ने कहा, 'मैं लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं जिन्होंने बीजेपी और हमारे गठबंधन पर भरोसा जताया। ये अच्छी गवर्नेंस का जनादेश है। बीजेपी एक बार फिर महाराष्ट्र की नंबर एक पार्टी साबित हुई।' उन्होंने 38 रैलियां कीं और गठबंधन की छोटी-मोटी समस्याओं को सुलझाया।

राज्य बीजेपी अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने कहा कि ये जीत फडणवीस की राजनीतिक रोडमैप और विकास के एजेंडे की वजह से हुई। लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फडणवीस के नेतृत्व पर भरोसा जता रहे हैं।
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बीजेपी की रणनीति क्या

बीजेपी के लिए ये चुनाव महत्वपूर्ण थे। पार्टी का लंबा लक्ष्य है कि महाराष्ट्र में वो अकेले इतनी मजबूत हो जाए कि गठबंधन की जरूरत न पड़े। इस जीत से कार्यकर्ताओं में जोश आएगा, खासकर 15 जनवरी 2026 को होने वाले मुंबई बीएमसी चुनावों के लिए।

गठबंधन में चुनाव से पहले तनाव था

चुनाव से पहले गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं था। चुनाव से पहले शिवसेना (शिंदे) और एनसीपी के मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। कई जगहों पर गठबंधन के अंदर ही उम्मीदवारों के बीच मुकाबला हुआ। लेकिन नतीजों से गठबंधन मजबूत दिख रहा है।

विपक्ष की निराशा

विपक्ष एमवीए पिछले साल विधानसभा चुनाव हारने के बाद संगठनात्मक रूप से कमजोर है। ये नतीजे उनके लिए चिंता की बात हैं, खासकर बीएमसी चुनाव से पहले। शिवसेना यूबीटी पिछले कई दशक से बीएमसी पर हावी रही, लेकिन अब मुश्किल लग रही है। पार्टी में विभाजन से दोनों गुटों का जमीनी स्तर पर संगठन कमजोर हुआ है।
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कांग्रेस का आरोप

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि महायुति ने सत्ता का दुरुपयोग किया। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार राज्य कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकल ने कहा, 'पैसे और ताकत का इस्तेमाल हुआ। सरकार की मशीनरी का गलत फायदा उठाया गया।'

अब बीएमसी चुनाव पर नज़र

ये नतीजे मुंबई बीएमसी और अन्य बड़े नगर निगम चुनावों के लिए संकेत हैं। बीएमसी चुनाव 15 जनवरी 2026 को होंगे, जहां महायुति और एमवीए के बीच कड़ा मुकाबला होगा। महायुति को उम्मीद है कि ये जीत वहां भी दोहराई जाएगी। कुल मिलाकर, महाराष्ट्र की राजनीति में बीजेपी की पकड़ और मजबूत हुई है। लेकिन एमवीए के दलों के लिए बड़ी चुनौती है।