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लिव इन पार्टनर के 20 टुकड़े लेकिन इस कांड पर हंगामा क्यों नहीं 

मुंबई पुलिस ने एक व्यक्ति को अपनी लिव-इन पार्टनर की हत्या करने और उसकी लाश को टुकड़े-टुकड़े करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। प्लास्टिक की थैलियों और चादरों में एक घर से शरीर के अंगों के सड़ने के बाद यह मामला खुला। मुंबई के इस जघन्य हत्याकांड ने श्रद्धा वाल्कर हत्याकांड की यादें ताजा कर दी हैं। श्रद्धा की शरीर के भी टुकड़े-टुकड़े किए गए थे। कुछ मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि मुंबई वाले हत्याकांड में भी शरीर के 20 टुकड़े किए गए थे। उसने उसके शरीर के कुछ हिस्सों को प्रेशर कुकर में उबाला था।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक मुंबई में नया नगर पुलिस थाने के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पीड़िता की पहचान 32 वर्षीय सरस्वती वैद्य के रूप में हुई है, जो मीरा रोड के गीता नगर में एक आवासीय इमारत की सातवीं मंजिल पर अपने अपार्टमेंट में बुधवार देर रात मृत मिली थी। उसके शरीर के टुकड़े टुकड़े कर दिए गए थे।

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पुलिस अधिकारी ने कहा कि सरस्वती वैद्य अपने साथी 56 वर्षीय मनोज साने के साथ पिछले तीन साल से लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही थी। उस दौरान दंपती किराए के फ्लैट में रह रहा था। अधिकारी ने कहा कि उस बिल्डिंग में रहने वालों ने पुलिस को सूचना दी कि सरस्वती वैद्य के अपार्टमेंट से बहुत अजीब सी बदबू आ रही है।
अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने उस मकान से सरस्वती वैद्य के शरीर के क्षत-विक्षत हिस्से को पाया, जिसे कई टुकड़ों में काट दिया गया था। मुंबई के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) जयंत बजबाले ने कहा, "शुरुआती जांच में पता चला है कि महिला की बेरहमी से हत्या की गई थी।" इस भयानक घटना के बाद से अधिकारियों ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन अपराध के संभावित मकसद का खुलासा किया जाना बाकी है।

पुलिस अधिकारी ने हत्या की वजह पता लगाने में जनता से भी अपील की है। डीसीपी बजबले ने कहा कि वर्तमान में जांच जारी है, क्योंकि अधिकारी वैद्य की हिंसक मौत की ओर ले जाने वाली परिस्थितियों को एक साथ जोड़ने का काम कर रहे हैं। स्थिति बहुत परेशान करने वाली है, और हम सरस्वती वैद्य के लिए न्याय पाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम जनता से आग्रह करते हैं कि वे हमारी जांच में सहायता के लिए किसी भी जानकारी के साथ आगे आएं।
इस घटना ने पिछले साल देश को स्तब्ध कर देने वाले श्रद्धा वाल्कर हत्याकांड की याद दिला दी है। इस हत्याकांड और उस हत्याकांड में काफी समानताएं हैं। वाल्कर एक 27 वर्षीय कॉल सेंटर कर्मचारी थी, आरोप है कि उसके लिव-इन पार्टनर आफताब पूनावाला ने दिल्ली में उसका गला घोंट दिया था। फिर उसके शरीर को 35 टुकड़ों में काट दिया और 18 दिनों में उन्हें जंगल में फेंक दिया। उसने शरीर के कुछ हिस्सों को फ्रिज में रख दिया और उसकी पहचान छिपाने के लिए उसके चेहरे को जला दिया। मामला छह महीने बाद सामने आया, जब वाल्कर के पिता ने महीनों तक उससे संपर्क करने में विफल रहने के बाद गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। आफताब पूनावाला को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था और हत्या और सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया था। 

श्रद्धा और आफताब के मामले में दक्षिणपंथी संगठनों ने बहुत शोर मचाया था। यहां तक भाजपा के कई नेताओं, केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों ने इस घटना का जिक्र गुजरात के विधानसभा चुनाव में किया था। उस मामले को हिन्दू मुसलमान और लव जिहाद के नजरिए से देखा गया। कतिपय मीडिया ने उसे साम्प्रदायिक रंग भी दिया था। लेकिन मुंबई की मीरा रोड इलाके में हुए इस जघन्य कांड पर दक्षिणपंथी संगठन पूरी तरह खामोश हैं। क्योंकि इस अपराध में पीड़िता और आरोपी का धर्म एक ही है। इस वीभत्स हत्या को धर्म से दक्षिणपंथी संगठन नहीं जोड़ पाएंगे, इसलिए खामोश हैं।
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श्रद्धा वाल्कर-आफताब पूनावाला केस और इस केस से स्पष्ट है कि अपराध करने वालों का मजहब से कोई लेना देना नहीं है। लेकिन इन पर राजनीतिक रोटियां सेंकने वालों का मजहब से पूरा लेना देना है। जहां एक पक्ष हिन्दू और दूसरा पक्ष मुस्लिम होता है, कुछ कट्टर संगठनों और नेताओं के सुर बदल जाते हैं।  
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क़मर वहीद नक़वी
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