अजीत पवार को आख़िरकार सिंचाई घोटाले में क्लीन चिट मिल गई। वह भी तब जब देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था लेकिन उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी नहीं ली थी। यह क्लीन चिट सिंचाई घोटाले की जाँच करने वाली एजेंसी महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो यानी एसीबी ने ही दी है। बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच के सामने 27 नवंबर को हलफ़नामा देकर एसीबी ने कहा है कि पूर्व जल संसाधन मंत्री अजीत पवार का इस घोटाले में कोई हाथ नहीं है।
फडणवीस के इस्तीफ़े के बाद अजीत पवार को सिंचाई घोटाले में क्लीन चिट
- महाराष्ट्र
- |
- 29 Mar, 2025
अजीत पवार को आख़िरकार सिंचाई घोटाले में क्लीन चिट मिल गई। वह भी तब जब देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था लेकिन उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी नहीं ली थी।

एसीबी ने अपने 16 पेज के हलफ़नामे में नागपुर एसीबी एसपी रश्मी नांदेडकर ने कहा है कि 'एजेंसियों के काम के लिए वीआईडीसी/जल संसाधन विकास मंत्री को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है, क्योंकि उन पर इसको लेकर कोई क़ानूनी कर्तव्य नहीं बनता है।' इस पत्र में वीआईडीसी/जल संसाधन विकास मंत्री के रूप में अजीत पवार का हवाला दिया गया है।