अजीत पवार को आख़िरकार सिंचाई घोटाले में क्लीन चिट मिल गई। वह भी तब जब देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था लेकिन उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी नहीं ली थी। यह क्लीन चिट सिंचाई घोटाले की जाँच करने वाली एजेंसी महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो यानी एसीबी ने ही दी है। बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच के सामने 27 नवंबर को हलफ़नामा देकर एसीबी ने कहा है कि पूर्व जल संसाधन मंत्री अजीत पवार का इस घोटाले में कोई हाथ नहीं है।