ईडी द्वारा गिरफ़्तारी के बाद अदालत कक्ष के अंदर ले जाने से पहले संजय राउत ने मीडिया से कहा, 'यह हमें (पार्टी को) ख़त्म करने की साजिश है।' उद्धव ठाकरे ने भी कहा है कि यह कार्रवाई हमें बर्बाद करने की साज़िश है। उन्होंने कहा, 'जो भी हमारे खिलाफ बोलता है उसका हमें सफाया करना होगा, ऐसी मानसिकता के साथ प्रतिशोध की राजनीति चल रही है।' तो क्या सच में शिवसेना को मिटा देने की कोशिश है और वह इस स्थिति में पहुँच जाएगी?
क्या शिवसेना को ख़त्म करने की कोशिश; मिटेगी या वापसी करेगी?
- महाराष्ट्र
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- 1 Aug, 2022
उद्धव की शिवसेना अब क्या करेगी? इससे भी बड़ा सवाल है कि उसके अस्तित्व का क्या होगा? ऐसे सवाल इसलिए कि ठाकरे परिवार के सामने अब चुनौती ही कुछ ऐसी है।

एकनाथ शिंदे खेमे के साथ अधिकतर विधायक और सांसद चले गए हैं। यानी उद्धव के सामने जमीनी स्तर पर काडर की बड़ी चुनौती है। पार्टी के तौर पर शिवसेना पर उद्धव का एकाधिकार रहेगा या नहीं, यह भी साफ़ नहीं है। उद्धव के दाहिना हाथ कहे जाने वाले संजय राउत को गिरफ़्तार कर लिया गया है। राउत के परिवार के सदस्य व क़रीबी मुक़दमे में फँसे हुए हैं। खुद उद्धव ठाकरे के रिश्तेदार और उनके दूसरे क़रीबी भी कई मामलों का सामना कर रहे हैं और संभव है कि उनके ख़िलाफ़ भी ऐसी कार्रवाई की जाए। तो सवाल है कि पार्टी को कौन संभालेगा या आगे बढ़ाएगा? वे अपने लोगों को जेल से बाहर निकालेंगे, मुक़दमे लड़ेंगे या राजनीति करेंगे? क्या अब उद्धव की शिवसेना के सामने अस्तित्व की लड़ाई है?