loader

महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का ख़तरा मंडराया

महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के मामले अभी कम हो ही रहे थे कि अब इसकी दूसरी लहर की आशंका है। यह आशंका कितनी प्रबल है और कितना ख़तरनाक हो सकता है, इसका अंदाज़ा सरकारी तैयारी से ही लगाया जा सकता है। अधिकारियों को कोरोना के इलाज के लिए आवश्यक ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य दवाओं के बफर स्टॉक को बनाए रखने के लिए कहा गया है। ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता उन मरीज़ों के लिए होती है जिनकी स्थिति गंभीर होती है। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि अभी भले ही मामले कम आ रहे हैं, लेकिन आगे के लिए जाँच के उपकरण तैयार रखे जाएँ।

सम्बंधित ख़बरें

महाराष्ट्र ही वह राज्य है जहाँ देश में सबसे ज़्यादा कोरोना संक्रमण के मामले आए हैं। वहाँ अब तक 17 लाख 36 हज़ार से ज़्यादा मामले आ चुके हैं और 45 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौतें हो चुकी हैं। एक समय ऐसा था जब हर रोज़ 20 हज़ार से भी ज़्यादा संक्रमण के मामले आ रहे थे। लेकिन अब हर रोज़ संक्रमण के मामले लगातार घट रहे हैं। यह संख्या घटकर अब क़रीब 4500 के आसपास रह गई है। यानी संक्रमण की पहली लहर शांत होती हुई दिख रही है। 

फ़िलहाल, महाराष्ट्र दुनिया में पहला ऐसा राज्य या प्रोविंस है जहाँ सबसे ज़्यादा कोरोना संक्रमण के मामले आए हैं। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र के बाद ब्राज़ील का साओ पाओलो शहर है।
will maharashtra get into coronavirus second wave - Satya Hindi
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की आँकड़ा।

लेकिन इसी बीच अब संक्रमण की दूसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। रिपोर्टों के अनुसार महाराष्ट्र सरकार जनवरी-फ़रवरी में दूसरी लहर आने की आशंका को लेकर तैयारी कर रही है। अधिकारियों को दिवाली के बाद ही संक्रमण के मामले बढ़ने की आशंका है और उन्हें डर है कि कहीं यह पहले से ज़्यादा आक्रामक तो नहीं हो जाएगा। ऑक्सीजन सिलेंडर को तैयार रखना इसी तैयारी का हिस्सा है। 

ऑक्सीजन सिलेंडर पर ज़ोर दिया गया है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि राज्य के साथ-साथ देश के बाक़ी हिस्सों में ऑक्सीजन सिलेंडर की भारी माँग देखी गई है। यही कारण है कि उनकी कमी हो गई थी और कालाबाजारी बढ़ गई थी। स्वास्थ्य विभाग को कहा गया है कि वरिष्ठ नागरिकों पर नज़र रखें और उन पर भी जो गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। 

अधिकारियों से कहा गया है कि वे सुपर स्प्रेडर्स यानी ज़्यादा संक्रमण फैलाने वालों पर नज़र रखें। किराने की दुकानों, सब्जी और फल विक्रेताओं, रेस्तराँ व होटल कर्मचारियों और आम लोगों को सेवाएँ प्रदान करने में लगे सभी लोगों पर नज़र रखा जाए। ज़िला अधिकारियों को संक्रमण के बढ़ने के मामले में कोविड देखभाल केंद्र स्थापित करने के लिए भी कहा गया है। संक्रमणों की दूसरी लहर के डर से ही राज्य ने धार्मिक स्थलों को नहीं खोला है और लोकल ट्रेनों के सामान्य संचालन की अनुमति नहीं दी है।

महाराष्ट्र में दूसरी लहर का डर इसलिए भी है कि दिल्ली में ऐसी ही स्थिति बनी है। पहले कम से कम दो बार दावा किया गया था कि दिल्ली में कोरोना नियंत्रित हो गया है, लेकिन ऐसा नहीं था। दिल्ली में अब जो स्थिति है वह पहले से ज़्यादा ख़राब है।

ज़बरदस्त कोरोना संक्रमण की चपेट में आई दिल्ली में आईसीयू बेड कम पड़ने की समस्या के समाधान के लिए हाई कोर्ट ने एक अहम फ़ैसला दिया है। अदालत ने कहा है कि 33 निजी अस्पतालों में 80 फ़ीसदी आईसीयू बेड कोरोना मरीज़ों के लिए आरक्षित रखे जा सकते हैं। बता दें कि दिल्ली में हर रोज़ अब 8000 से ज़्यादा कोरोना संक्रमण के मामले आने लगे हैं और ऐसी रिपोर्टें हैं कि अधिकतर अस्पतालों में आईसीयू मरीज़ों से क़रीब-क़रीब भरने वाले हैं।

वीडियो में देखिए, कोरोना का बड़ा हमला अभी बाक़ी है...
यूरोप में भी ऐसी ही स्थिति है। यानी पहले से ज़्यादा घातक। यूरोप में भी संक्रमण का दूसरा चरण शुरू हो चुका है और फिर से कई यूरोपीय देशों में लॉकडाउन लगाना पड़ा है। स्कूल, बार-रेस्तराँ बंद करने पड़े हैं। कई जगहों पर आपात स्थिति घोषित करनी पड़ी है। यूरोप के उन देशों में पहले जहाँ हर रोज़ ज़्यादा से ज़्यादा 5000-8000 मामले आ रहे थे वहाँ अब 20-40 हज़ार तक मामले सामने आ रहे हैं। यानी पहले से ज़्यादा आक्रामक तरीक़े से संक्रमण फैल रहा है। यूरोप की यह स्थिति दुनिया भर के देशों के लिए सचेत करने वाली है। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

महाराष्ट्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें