अलविदा पद्मा जी।उन दिनों हम 'चौथी दुनिया' में थे, पूरे स्टाफ़ को निमंत्रण था, पद्मा जी के यहाँ रात्रि भोज पर। हस्बे मामूल अपनी आदत से मजबूर हम दफ्तर छोड़ कर निकल आये थे मंडी हाउस। भाई रंजीत कपूर या यम के
पद्मा सचदेव की शख्सियत ऐसी थी कि हर कोई कायल!
- श्रद्धांजलि
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- 5 Aug, 2021

पद्मश्री से सम्मानित कवयित्री पद्मा सचदेव का बुधवार को निधन हो गया। सचदेव का जन्म 1940 में जम्मू में हुआ था। उनके निधन पर चंचल ने उनको इस तरह याद किया...
(रैना) का कोई प्ले था, उसे देखने। अभी वक़्त था सो हम श्रीराम सेंटर की कैंटीन में बैठ गए। इतने में किसी ने पीछे से कंधे पर हाथ रखा। पलट कर देखा तो पद्मा जी मुस्कुरा रही थीं।
-जल्दी आ जाना, टाइम पर- कहाँ?-संतोष (भारतीय) ने नहीं बताया, आज तुम सब लोंगो की पार्टी है, हमारे घर पर।- हम तो पहले ही एक पार्टी में बुक हैं- बकवास मत करो, कौन बुलायेगा तुम्हें?- हमें कश्मीरी गुस्ताव खाना है, बहुत दिन हुए खाये हुए, यम के (रैना) के घर पार्टी है।- बदमाशी नहीं, तुम्हें गुस्ताव मिल जाएगा।