पिछले साल जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35 ए हटी तो अब उसके तार्किक परिणाम सामने आए बिना कैसे रह सकते हैं। अब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में अन्य प्रांतों के लोगों को ज़मीन खरीदने और मकान बनाकर रहने का अधिकार दे दिया है। इस संबंध में कश्मीर के मूल निवासी होने की शर्त को हटा लिया गया है। सरकार का मानना है कि इस नए प्रावधान की वजह से कश्मीरियों को रोज़गार के अपूर्व अवसर मिलेंगे, उन्हें अपने प्रदेश में रहते हुए प्रचुर नौकरियाँ मिलेंगी, देश-विदेश के बड़े-बड़े उद्योग वहाँ फले-फूलेंगे और यदि ऐसा होगा तो इसमें मैं यह जोड़ दूँ कि कश्मीर को केंद्र सरकार के आगे हर साल हाथ फैलाने की ज़रूरत नहीं होगी।
कश्मीर: कश्मीरी मुसलमान अल्पमत में आ जाएँगे?
- विचार
- |
- |
- 30 Oct, 2020

फ़ाइल फ़ोटो
ज़मीन की खरीद-फरोख्त संबंधित पुराने 12 क़ानून निरस्त कर दिए गए हैं। अब जैसे कश्मीरी नागरिक भारत में कहीं भी ज़मीन खरीद-बेच सकता है, लगभग वैसा ही अब किसी अन्य प्रांत का नागरिक कश्मीर में कर सकता है। फ़िलहाल, कश्मीरियों को यह प्रावधान बुरा ज़रूर लगेगा लेकिन उनकी पहचान, उनकी अस्मिता, उनके गौरव को दिल्ली की कोई भी सरकार कभी नष्ट नहीं होने देगी।