भारतीय राजनीति आज जिस मोड़ पर खड़ी है उसकी कल्पना संविधान निर्माताओं ने कभी नहीं की थी। वे सोच भी नहीं सकते थे कि प्रधानमंत्री पद पर कभी कोई ऐसा नेता बैठेगा जो भारत के लोकतंत्र को विपक्ष विहीन बनाने की कोशिश करेगा। लेकिन आज़ादी के अमृत काल का यही सच है। कांग्रेस के बैंक खातों का चुनाव के पहले सील किया जाना एक अभूतपूर्व घटना है। यह विपक्षी दल के प्रचार अभियान को शुरू होने से पहले ही रोक देने की कोशिश है। आयकर विभाग के काँधे पर बंदूक़ रखकर दाग़ी गयी इस गोली ने कांग्रेस को घायल ज़रूर किया है लेकिन इसने पीएम मोदी के भय को भी उजागर कर दिया है।
कांग्रेस के बैंक खाते सील करने के फ़ैसले में झाँक रहा है मोदी का भय!
- विचार
- |
- |
- 29 Mar, 2025

फिर कांग्रेस का बैंक खाता क्यों सील कराया गया? क्या पीएण मोदी को ‘चार सौ पार’ नारे पर भरोसा नहीं है और मीडिया में बनायी जा रही छवि भी उन्हें जीत को लेकर आश्वस्त नहीं कर पा रही है?
पीएम मोदी ने चुनाव की घोषणा के काफ़ी पहले ‘चार सौ पार’ का नारा दे दिया था। पूरा मीडिया रात दिन यह बताने में जुटा है कि देश के सामने मोदी का कोई विकल्प नहीं है। बीजेपी का आईटी सेल रात दिन मोदी के महामानव होने और उनके नेतृत्व में भारत के विश्व गुरु बन जाने का प्रचार कर रहा है। हर शहर, हर कस्बे की हर सड़क, हर चौराहे पर ‘जित देखो तित मोदी’ है। इस प्रचार युद्ध में इतना पैसा झोंक दिया गया है कि सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफ़ॉर्म पर सिर्फ़ मोदी जी का चेहरा नज़र आता है। यहाँ तक कि जिन चुनिंदा वेबसाइट या यूट्यूब चैनलों को बीजेपी का कथित आलोचक माना जाता है, वहाँ भी विज्ञापन मोदी जी के ही चलते हैं।