केंद्र सरकार के दफ्तरों में मंत्री लोग और बड़े अफ़सर दिखाई पड़े हैं, उससे आप पक्का अंदाज़ा लगा सकते हैं कि अब यही साहस राज्यों की सरकारें भी दिखाना शुरू कर देंगी। धीरे-धीरे छोटे कर्मचारी भी दफ्तरों में आने लगेंगे। इस संबंध में मेरा पहला सुझाव तो यही है कि मध्य प्रदेश में उसके मुख्यमंत्री शिवराज चौहान अपने मंत्रिमंडल का गठन तुरंत कर लें तो इसमें कोई बुराई नहीं है। बिना भीड़-भड़क्का और धूम-धड़क्का किए हुए उनका मंत्रिमंडल भोपाल में शपथ ले सकता है। पिछले तीन-चार हफ्तों से वे ही सरकार चलाने का बोझ अकेले उठा रहे हैं।