बेंगलुरु प्रेस कांफ्रेंस में राहुल गांधी के डेढ़ घंटे की हिंदी-अंग्रेजी लाइव प्रेजेंटेशन से सत्ता पक्ष हैरान है। उनके टेक-इकोसिस्टम अप्रोच और डेटा एनालिटिक्स के लाइव प्रसारण को दुनिया ने देखा और माना कि वो आम राजनेता नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी और ट्रांसपेरेंसी के चैंपियन भी हैं। राहुल गांधी की ग्लोबल यंग लीडर की इस छवि का मुकाबला न भारत के राजनेताओं में दिखता है, न दुनिया में। उन्होंने आंख खोलने वाले तथ्य रखे, उसका सत्यापन नेशनल टीवी चैनलों की जांच में भी हो गया।
भारत की बिग डेटा क्षमता: ECI का बहाना
चुनाव आयोग का यह दावा कि CCTV फुटेज की समीक्षा में 273 साल लगेंगे, भारत की वर्तमान डेटा क्षमता को देखते हुए बेतुका लगता है। हमारा देश डेटा प्रोसेसिंग में एक वैश्विक शक्ति बन चुका है, जिसके कुछ उदाहरण नीचे हैं:
आंख खोलने वाले तथ्य
UPI: हर महीने 1500 करोड़ से ज़्यादा लेनदेन प्रोसेस करता है। अगर इसे कागज पर लिखें, तो पृथ्वी से चांद तक सड़क बन जाए। UPI इन्हें कुछ ही सेकंडों में प्रोसेस कर लेता है।
आधार (UIDAI): 1.3 अरब भारतीयों का बायोमेट्रिक डेटा (10–15 पेटाबाइट) सुरक्षित है। हर मिनट लाखों सत्यापन होते हैं। यानी सेकंडों में 130 करोड़ लोगों में से आपकी पहचान निकल आती है।
रिलायंस जियो के 49 करोड़ ग्राहक हर महीने 14,700 पेटाबाइट (पीबी) से ज्यादा डेटा इस्तेमाल करते हैं।
फ्लिपकार्ट की बिग बिलियन डे पर 10 करोड़ ऑर्डर मिनटों में प्रोसेस होते हैं।
जियो हर मिनट 10 पेटाबाइट डेटा (कॉल, इंटरनेट, स्ट्रीमिंग) प्रोसेस करता है। एक पेटाबाइट में 10 लाख गीगाबाइट। यानी एक पेटाबाइट में 20 लाख घंटे की HD फिल्में स्टोर हो सकती हैं!
भारतीय रेलवे का डेटाबेस दुनिया के सबसे बड़े डेटाबेसों में से एक है। इसमें हर दिन लाखों टिकटों की बुकिंग, रद्द करना और यात्री विवरण शामिल हैं। 4 नवंबर 2024 को एक ही दिन रेलवे में 3 करोड़ (30 मिलियन) से अधिक यात्रियों ने यात्रा की थी, जो एक रिकॉर्ड था।
डेटा प्रोसेसिंग में ग्लोबल सुपरपावर है भारत
बेंगलुरु, भारत का सिलिकॉन वैली है, जहां 800+ ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स हैं। यहां 2.2 लाख विशेषज्ञ गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन जैसी दिग्गज ग्लोबल टेक कंपनियों के सैकड़ों पेटाबाइट यानी अरबों-खरबों डेटा प्रोसेस करते हैं। एक लाख मतदान केंद्रों के सीसीटीवी फुटेज का डेटा 1–2 पेटाबाइट से ज्यादा नहीं है। इसकी समीक्षा में तो टीम राहुल को 273 घंटे भी नहीं लगेंगे।
ग्लोबल टेक में लीडर हैं भारतीय
दुनिया की टॉप टेक कंपनियों को लीड कर रहे सुंदर पिचाई (गूगल), सत्य नडेला (माइक्रोसॉफ्ट), और अरविंद कृष्णा (IBM) भारत की मिट्टी से निकले हैं। इनकी योग्यता और टेक क्षमता पर भारत को गर्व है।