गुजरात के इस नरसंहार का गुनहगार खोजने में संकोच दिखाया जा रहा है। ध्यान लगातार भ्रमित किए जा रहे हैं। इस काम में सत्ताधारी पार्टी और उसकी पोषित मीडिया सम्मिलित रूप से लगी दिख रही है। इसे समझने के लिए कुछ कुतर्कों पर ध्यान दें- कुछ शरारती युवक झूले को हिला रहे थे। (ये कैसे शरारती थे कि उन्हें अपनी जान भी प्यारी नहीं लगी!)। आम आदमी पार्टी ने गुजरात में कुछ बड़ी घटना होने का अंदेशा ट्वीट के जरिए जताया था। सो, कहीं साजिश तो नहीं! (साजिश भी है तो क्या सरकार सो रही थी?) । घटना को लेकर सरकार संवेदशील है​।