हर कैलेंडर वर्ष देश, समाज और दुनिया से जुडी तमाम तरह की खट्टी मीठी यादों को अपने दामन में समेटते हुए विदा होता है। साल 2021 भी इसका अपवाद नहीं है। सवाल है कि इस बीते साल को किन खास बातों के लिए याद किया जाएगा या इस वर्ष की कौन सी ऐसी उल्लेखनीय बातें हैं, जिनकी यादें भारतीय इतिहास में दर्ज हो जाएंगी और भविष्य को भी प्रभावित करती रहेंगी?

क्या भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की कोशिश हो रही है? हरिद्वार की धर्म संसद की तरह कई जगहों पर भड़काऊ भाषण दिए जा रहे हैं, ये भारत की धर्मनिरपेक्षता के लिए गंभीर ख़तरा है।
आज से कुछ सालों बाद जब यह सवाल पूछा जाएगा कि जो लोग इस देश की विविधताओं से, इस देश के स्वाधीनता संग्राम की अगुवाई करने और उसमें कुर्बानी देने वाले महानायकों से और इस देश के संविधान से प्यार करते हैं, उनके लिए इस सवाल का जवाब देना बहुत आसान होगा।
ऐसे सभी लोगों का यही जवाब होगा कि साल 2019 और 2020 की तरह यह साल भी भारतीय संविधान और देश की विविधताओं पर सांप्रदायिक नफरत से भरी विचारधारा के निर्मम हमलों का साल था।