हिंदी नीति काव्य में रहीम तुलसी और कबीर से बढ़ कर हैं। और जो तुलसी कबीर से बढ़ जाए वह सर्व श्रेष्ठ कैसे ना कहाए? लेकिन यदि आप यह जानें कि रहीम कवियों के विभाजन में "पुष्टि मार्गी वैष्णव" लिखे कहे जाते रहे हैं तो? अपना खून ना खौलाएं। इतिहास को समझने की कोशिश करें। सीखने का यत्न भी कर पाएं तो!

रहीम और तुलसी का यह चित्र नरेंद्र गोइदानी के ब्लॉग से साभार
तुलसी दास और रहीम मित्र थे। यह मित्रता भारत की सांझी सांस्कृतिक विरासत को बताती है। क्या भारत तुलसी को रहीम से अलग कर पाएगा।