आपातकाल यानी भारतीय लोकतंत्र का एक स्याह और शर्मनाक अध्याय...एक दु:स्वप्न...एक मनहूस और त्रासद कालखंड! पांच साल पहले आपातकाल (इमर्जेंसी) के चार दशक पूरे होने के मौके पर उस पूरे कालखंड को शिद्दत से याद करते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने देश में फिर से आपातकाल जैसे हालात पैदा होने का अंदेशा जताया था।

आज से 45 साल पहले इंदिरा गांधी की सरकार ने देश में आपातकाल लगा दिया था। लेकिन क्या आज भी कमोबेश वैसे ही हालात नहीं हैं।
हालांकि आडवाणी इससे पहले भी कई अवसर पर आपातकाल को लेकर अपने विचार व्यक्त करते रहे थे, मगर यह पहला मौका था जब उनके विचारों से आपातकाल की अपराधी कांग्रेस नहीं, बल्कि उनकी अपनी पार्टी बीजेपी अपने को हैरान-परेशान महसूस करते हुए बगलें झांक रही थी। वह बीजेपी जो कि आपातकाल को याद करने और उसकी याद दिलाने में हमेशा आगे रहती है।