कुछ लोगों को ऐसा क्यों महसूस हो रहा है कि देश में आपातकाल लगा हुआ है और इस बार क़ैद में कोई विपक्ष नहीं बल्कि पूरी आबादी है? घोषित तौर पर तो ऐसा कुछ भी नहीं है। न हो ही सकता है। उसका एक बड़ा कारण यह है कि पैंतालीस साल पहले जो कुछ हुआ था उसका विरोध करने वाले जो लोग तब विपक्ष में थे उनमें से अधिकांश इस समय सत्ता में हैं। वे निश्चित ही ऐसा कुछ नहीं करना चाहेंगे। हालाँकि इस समय विपक्ष के नाम पर देश में केवल एक परिवार ही है। इसके बावजूद आपातकाल जैसा क्यों महसूस होना चाहिए!