पत्रकारिता ने अमेरिका और ब्रिटेन जैसे लोकतांत्रिक देशों में उनके राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दम फुला रखे हैं। यही काम मारिया ने फिलीपींस में और मोरातोव ने रूस में कर दिखाया है। जानिए इन दोनों पत्रकारों को नोबेल पुरस्कार दिए जाने के क्या हैं मायने-
इस नृशंस अत्याचार के ख़िलाफ़ मारिया ने अपने डिजिटल मंच ‘रेपलर’ से राष्ट्रपति की हवा खिसका दी थी। राष्ट्रपति ने मारिया के विरुद्ध भद्दे शब्दों का इस्तेमाल किया और उनकी हत्या की भी धमकी दी थी लेकिन वे अपनी टेक पर डटी रहीं।