मैं एक कश्मीरी हूं और इसलिए मैं स्वाभाविक रूप से कश्मीर से जुड़ा हुआ हूं, जो मेरे पूर्वजों की जन्मभूमि भी है। मुझे कश्मीरी पंडितों और कश्मीरी मुसलमानों, दोनों से सहानुभूति है। मैं अक्सर कश्मीरी मुसलमानों से कहता हूं कि मेरा और तुम्हारा डीएनए और खून एक ही है।
लॉकडाउन के दौरान देश भर में फंसे कश्मीरियों की मदद के लिए आगे आए लोग
- विचार
- |
- |
- 25 Apr, 2020

प्रतीकात्मक तसवीर।
लॉकडाउन के कारण देश भर में कई जगहों पर कश्मीरी फंस गए। ऐसे में फ़ेसबुक पोस्ट के माध्यम से लोगों को इस बारे में बताया गया तो सैकड़ों लोग मदद के लिए आगे आए। इससे यह पता चलता है कि हर जगह अच्छे व्यक्ति मौजूद हैं, जो मुसीबत के समय मदद करने को तैयार रहते हैं। इससे यह धारणा भी टूटेगी कि ग़ैर-कश्मीरियों की कश्मीरियों से दुश्मनी है और हमें राष्ट्रीय एकता और सौहार्द्र स्थापित करने में भी मदद मिलेगी।
मैं इस खबर को सुनकर बहुत चिंतित था कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में कश्मीरी (छात्र, व्यापारी और अन्य कश्मीरी) भारत के विभिन्न शहरों में फंसे हुए हैं। वे कश्मीर वापस जाना चाहते हैं लेकिन अंतरराज्यीय यात्रा पर प्रतिबंध होने के कारण नहीं जा सकते। उनकी हालत ठीक नहीं है और जल्द कोई रास्ता भी नहीं दिखता। उनके पास पैसे, दवा और भोजन की कमी है।