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जाति जनगणना पर महाराष्ट्र सरकार प्रस्ताव पास करने से राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति आदि को दलित व पिछड़ी जाति बताकर वंचित तबक़े का हितैशी होने का दावा करने वाली बीजेपी फँसती नज़र आ रही है।
2021 की जनगणना के पहले एनआरसी, सीएए सहित तमाम मसलों पर चर्चा हो रही है, जो सीधे तौर पर जनगणना से जुड़ा है। हर चुनाव के पहले ख़ुद को नीची जाति का होने का दावा करने वाले मोदी 2021 में जाति जनगणना की चर्चा को भी पूरी तरह से दबा चुके हैं।