हिन्दी भाषी तीन राज्यों में कांग्रेस को शिकस्त देने के तत्काल बाद प्रधानमंत्री के ‘मार्गदर्शन’ में जिस तरह मुख्यमंत्रियों की नियुक्तियों कीं गईं और स्थापित पार्टी-नेताओं को निस्तेज साबित कर हाशियों पटका गया, विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन के लिए गंभीर चेतावनी है। विपक्षी गठबंधन की छह दिसंबर की बैठक का कुछ नेताओं द्वारा कथित तौर पर ‘बहिष्कार’ करने की खबरों के बाद से कुछ राजनीतिक समीक्षक चिंता ज़ाहिर करने लगे थे कि एकता के प्रयासों में दरार पड़ गई है।
बहस तो भाजपा के भविष्य को लेकर होना चाहिए?
- विचार
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- 29 Mar, 2025
इंडिया गठबंधन में पड़ी कथित दरारों का संबंध भाजपा से मुक़ाबले को लेकर नहीं बल्कि सीटों के सम्माजनक बँटवारे से है। न ही कोई दल गठबंधन को छोड़कर गया है। पूछा जा सकता है कि तीन महत्वपूर्ण राज्यों में इतनी बड़ी जीत के बाद एनडीए के साथ कितने दल और जुड़ गए? बात यही है कि मीडिया में इंडिया के टूटने की खबरें ज्यादा हैं लेकिन भाजपा के भविष्य पर कोई बात नहीं कर रहा। देश के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग का नजरियाः
