मोहन भागवत जो कह रहे हैं वे अगर उसे हक़ीक़त में बदल कर दिखा दें तो दुनिया का सबसे बड़ा पुरस्कार ‘नोबेल पीस प्राइज’ उन्हें मिल जाएगा और संघ के नेतृत्व में एक अहम मसले पर विश्व में शांति स्थापित हो जाएगी। जो काम महात्मा गांधी अपनी शहादत के बावजूद पूरा नहीं कर सके, बापू के धुर विरोधी संगठन राष्ट्रीय सेवक संघ के शिखर पुरुष अपनी आँखों के सामने होता हुआ देख लेंगे।