आज देश के सामने सबसे बड़ा सवाल ये है कि सत्तारूढ़ भाजपा के सिर से कांग्रेस का भूत आखिर कब तक नहीं उतरेगा? क्योंकि जब तक भाजपा के सिर से कांग्रेस का भूत नहीं उतरता तब तक भाजपा और उसकी सरकार 'सबको साथ लेकर सबका विकास' नहीं कर सकती। जब तक भाजपा के सिर पर कांग्रेस का भूत सवार है तब तक भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का दिन का चैन और रातों की नींद हराम है। माननीय प्रधानमंत्री का सबसे बड़ा सपना देश को कांग्रेस मुक्त करने का है जो दुर्भाग्य से अभी तक अधूरा है।

प्रधानमंत्री के मन में क्या है, ये वे ही जानते हैं, लेकिन कांग्रेस उनके मन में ऐसी रची-बसी है कि वह बार-बार कांग्रेस का नाम लेते हैं! पढ़िए राकेश अचल क्या लिखते हैं।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए माननीय प्रधानमंत्री ने सिर्फ चार में चुनाव प्रचार किया। वे चुनाव प्रचार के आखरी दौर में राजस्थान में सक्रिय थे। प्रधानमंत्री जी ने राजस्थान में बार-बार मतदाताओं से आग्रह किया है कि वे कांग्रेस को कोने-कोने से साफ़ कर दें। मैं तो कहता हूँ कि प्रधानमंत्री की बात देश को गौर से सुनना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य कि उनकी बात न ऊपर वाला सुन रहा है और न नीचे वाले। विश्वगुरु भारत को क्रिकेट का विश्व कप उठाते हुए देखना चाहते थे। पूरा देश देखना चाहता था, हम-आप सभी देखना चाहते थे। इसके लिए प्रधानमंत्री जी ने राजस्थान की सभाओं में श्रोताओं से मोबाइल की फ्लैश लाइटें जलवाकर भारतीय क्रिकेट टीम को शुभकामनाएं भी भिजवायी थीं। किन्तु वे फलीभूत नहीं हुईं।