इस जातीय लोकतंत्र को परिवारवाद ने खोखला कर रखा है लेकिन हमारा भवन क्यों नहीं ढहता है? हमारे शानदार संविधान की वजह से! सारे पड़ोसी देशों के संविधान कई बार बदल चुके हैं और वहाँ सत्ता-पलट भी कई बार हो चुके हैं लेकिन भारत का लोकतंत्र जैसा भी है, आजतक दनदना रहा है और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बना हुआ है।
लगभग सभी पार्टियाँ प्राइवेट लिमिटेड कंपनियाँ बन चुकी हैं। कोई मां-बेटा पार्टी है, कोई बाप-बेटा पार्टी है, कोई चाचा-भतीजा पार्टी है, कोई पति-पत्नी पार्टी है, कोई बुआ-भतीजा पार्टी है, कोई मामा-भानजा पार्टी है, कोई मौसी-भानजा पार्टी है।