बिहार की सड़कों पर इस समय जो प्रकट हो रहा है वह केवल राहुल गांधी के प्रति समर्थन नहीं है! वे जो हज़ारों-लाखों की संख्या में राहुल की जय-जयकार करते दिखाई दे रहे हैं वे हक़ीक़त में दिल्ली की सत्ता के ख़िलाफ़ अपनी उस नाराज़गी को ज़ुबान दे रहे हैं जो पिछले ग्यारह सालों से ख़ौफ़ के पहरों में क़ैद थी। सब्र का कोई बांध जैसे भर-भराकर टूट पड़ रहा हो! पहले जनता डरी हुई थी। अब हुकूमत डर रही है! डर सत्ता के नुमाइंदों की बौखलाहट में उनके चेहरों पर नज़र भी आ रहा है। प्रधानमंत्री का विपक्ष के प्रति कोप उस बौखलाहट की सामूहिक अभिव्यक्ति है।
‘राहुल की दशा’ से बीजेपी को बिहार में कौन बचाएगा?
- विचार
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- 22 Aug, 2025

राहुल गांधी
राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ ने बिहार में सियासी हलचल तेज की। क्या संघ, मोदी और BJP को राहुल की लहर से बचा पाएगा?
बिहार में इस समय जो दिख रहा है वैसे दृश्य पचास साल पहले दिखते थे जब बिहार के छात्र आंदोलन के दौरान जयप्रकाश नारायण राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर के शब्दों में आह्वान करते नज़र आते थे ‘सिंहासन ख़ाली करो कि जनता आती है!’ उस समय लालू यादव जेपी के साथ थे आज उनके बेटे तेजस्वी राहुल के साथ हैं।