भारत सरकार और बीजेपी में ऐसा कोई नहीं है, जो अफ़ग़ान-स्थिति को ठीक से जानता-समझता हो। वैसे भी हमारी 'सर्वज्ञ' सरकार अपने बयानों की नौटंकी से ही खुश होती रहती है। दक्षिण एशिया के सबसे बड़े देश होने के नाते हमारी जिम्मेदारी सबसे ज़्यादा है, लेकिन अफ़ग़ान-मामले में हम हाशिए में पड़े हुए हैं।
भारत की चिंता यह है कि अफ़ग़ानिस्तान के बहाने रूस-पाकिस्तान फ़ौजी-सहकार जोरों से बढ़ रहा है। अभी-अभी अफ़ग़ानिस्तान पर रूस के विशेष दूत ज़मीर काबुलोव ने इसलामाबाद- यात्रा की है।