राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने महाराष्ट्र से प्रकाशित होने वाली एक पत्रिका से अपने साक्षात्कार में कहा था कि पूरी दुनिया में भारत के मुसलिम ही सबसे ज़्यादा संतुष्ट हैं। निश्चित रूप से तब वे कल्पना नहीं कर पाए होंगे कि एक राष्ट्रभक्त पारसी समूह और दक्षिण भारत के एक सार्वजनिक उपक्रम द्वारा संयुक्त रूप से संचालित आभूषण बनाने वाली कम्पनी तनिष्क द्वारा जारी किए जाने वाले वीडियो विज्ञापन के बाद राष्ट्रवादियों के झुंड उनके कहे की इस तरह से धज्जियाँ उड़ा देंगे!
तनिष्क के विज्ञापन पर विवाद और ‘लव जिहाद’ का शोर
- विचार
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- 19 Oct, 2020

विज्ञापन के विरोध से घबराकर ‘तनिष्क’ ने अपने कर्मचारियों की हिफ़ाज़त के चलते विज्ञापन को वापस ले लिया। जिन लोगों ने विरोध किया वे उस 26/11की बर्बरता को भूल गए, जब पाकिस्तानी आतंकवादियों ने इसी टाटा समूह के मुंबई स्थित ‘ताज होटल’ को खून की होली का मैदान बना दिया था और उसके सभी वर्गों के कर्मचारियों ने अपनी जानों की क़ुर्बानी देकर मेहमानों की जानें बचाई थीं।
इस हिंदी पत्रिका का नाम ‘विवेक’ बताया जाता है और भागवत का साक्षात्कार प्रकाशित होने के पाँच दिन बाद ही ‘तनिष्क’ के ख़िलाफ़ मचे ‘सोशल बवाल’ ने देश में हिंदू-मुसलिम सम्बन्धों के ‘ज़मीनी विवेक’ की ‘गोद भराई’ कर दी।