आज यह माना जा रहा है कि इस साल का बजट चमत्कारी होगा, क्योंकि देश जिन मुसीबतों में से इस साल गुजरा हैं, वे असाधारण हैं। स्वाभाविक है कि देश की तात्कालिक आर्थिक और वित्तीय स्थिति को सम्हालने की भरपूर कोशिश इस बजट में की जाए, लेकिन क्या यह मौका ऐसा नहीं है, जब देश में सच्चे समाजवाद की नींव मजबूत कर दी जाए।