आज यह माना जा रहा है कि इस साल का बजट चमत्कारी होगा, क्योंकि देश जिन मुसीबतों में से इस साल गुजरा हैं, वे असाधारण हैं। स्वाभाविक है कि देश की तात्कालिक आर्थिक और वित्तीय स्थिति को सम्हालने की भरपूर कोशिश इस बजट में की जाए, लेकिन क्या यह मौका ऐसा नहीं है, जब देश में सच्चे समाजवाद की नींव मजबूत कर दी जाए।
सरकार बजट में क्या ये पाँच चीजें दे सकती है?
- विचार
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- 1 Feb, 2021

क्या कोई सरकार ऐसा बजट ला सकती है, जो देश के हर नागरिक को ये पाँच चीजें मुहय्या करवा दे? यह कठिन है, लेकिन असंभव नहीं है। शिक्षा और चिकित्सा तो बिल्कुल मुफ़्त कर दी जाए। इन दोनों में चल रही ग़ैर-सरकारी लूटपाट पर तुरंत प्रतिबंध लगे और बजट ऐसा बने कि लोगों को आवश्यक रोटी, कपड़ा और मकान भी सस्ते से सस्ते सरकारी दामों पर मिल सके। करोड़ों लोगों को सस्ता अनाज अभी भी मिल रहा है।
हमारे संविधान में समाजवाद शब्द 1976 में ज़रूर जोड़ा गया, लेकिन आज भी भारत में वर्गवाद, भद्रलोकवाद और कुलीनवाद चला आ रहा है। साधारणजन और भद्रलोक की दो दुनिया अलग-अलग बसी हुई हैं। साधारणजन भारत में रहते हैं और भद्रलोक रहता है, इंडिया में। भारत और इंडिया के बीच खड़ी इस अभेद्य दीवार को जो भेद सके, वही बजट असाधारण कहला सकता है। यह कैसे होगा?