भारत दुनिया का संभवत: एकमात्र ऐसा देश है, जहाँ कोरोना महामारी के दौर में देश की सबसे बड़ी पंचायत यानी संसद पूरी तरह ठप है। संसद के ठप होने की वजह से देश का राजकाज अध्यादेश के ज़रिए चलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपदा को अवसर बनाने की बात 12 मई के अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में कही थी लेकिन उनकी सरकार ने इस दिशा में पहले ही काम शुरू कर दिया था। कोरोना संक्रमण के नाम पर संसद के बजट सत्र का समापन निर्धारित समय से पहले ही 23 मार्च को हो गया था। उसके एक सप्ताह बाद ही सरकार ने कोरोना काल का पहला अध्यादेश जारी किया था। उस अध्यादेश में कर और कुछ अन्य नियमों में छूट देने का प्रावधान किया गया। उसके बाद से अब तक कोरोना काल में सरकार कुल 11 अध्यादेश जारी कर चुकी है। चूँकि संसद का मानसून सत्र नियत समय पर आयोजित नहीं होने जा रहा है लिहाज़ा आने वाले दिनों में सरकार कुछ और भी अध्यादेश जारी कर सकती है।

सरकार कोरोना संकट में अध्यादेश लाकर काम चला रही है। संसद पूरी तरह ठप है। संसद का मानसून सत्र नियत समय पर आयोजित नहीं होने जा रहा है।