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हिजाब पहनने वाली लड़की एक दिन देश की प्रधानमंत्री बनेगी: ओवैसी

कर्नाटक के कॉलेज में मुसलिम छात्राओं के हिजाब पहनकर जाने पर मचे घमासान के बीच सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि हिजाब पहनने वाली लड़की कॉलेज जाएंगी तो एक दिन डॉक्टर भी बनेंगी, कलेक्टर भी बनेंगी... और भारत की प्रधानमंत्री भी बनेंगी। 

एआईएमआईएम के प्रमुख ओवैसी ने अपने भाषण के एक वीडियो का हिस्सा ट्वीट किया है जिसमें वह यह कहते सुने जा सकते हैं कि यदि बेटियाँ ये फ़ैसला करती हैं कि वह हिजाब पहनेंगी तो उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। वह इस वीडियो में हिजाब पहनने की आज़ादी की बात करते हैं। 

वह वीडियो में कहते हैं कि हिजाब पहनकर महिलाएँ कॉलेज जाएँगी, ज़िला कलेक्टर, मजिस्ट्रेट, डॉक्टर, व्यवसायी... बनेंगी।

वीडियो में कार्यक्रम में भीड़ को संबोधित करते हुए ओवैसी को सुना जा सकता है, 'यदि वे ये फ़ैसला करती हैं कि अब्बा-अम्मी, मैं हिजाब पहनूँगी तो अब्बा-अम्मी बोलेंगे कि पहन, तुझे कौन रोकता है देखेंगे...। हिजाब पहनेंगे। कॉलेज को जाएंगे। डॉक्टर भी बनेंगे। कलेक्टर भी बनेंगे। एसडीएम भी बनेंगे...। और याद रखना। शायद मैं ज़िंदा नहीं रहूँगा। तुम देखना एक दिन देश की बच्ची हिजाब पहनकर प्रधानमंत्री बनेगी।'

उनका यह बयान तब आया है जब कर्नाटक में हिजाब का विवाद देश भर में मुद्दा बन गया है। इसको लेकर विरोध-प्रदर्शन के बीच राज्य के कई ज़िलों में पथराव और लाठीचार्ज की घटनाएँ भी हुई हैं। स्कूल-कॉलेज तक बंद करने पड़े। पहले हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुँचा।

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कर्नाटक के उडुपी जिले के सरकारी कॉलेजों में छात्राओं के कक्षा के अंदर हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने के बाद टकराव शुरू हुआ। विवाद तब शुरू हुआ था जब 6 मुसलिम छात्राओं के एक समूह को हिजाब पहनने के कारण उडुपी ज़िले में कॉलेज में प्रवेश नहीं करने दिया गया था। बाद में ऐसा ही विवाद दूसरे कॉलेजों में भी हो गया।

तब से राज्य भर में विरोध हो रहा है। कुछ हिंदू छात्रों और फ्रिंज समूहों ने भगवा शॉल और हेडड्रेस पहनकर विरोध में आंदोलन शुरू कर दिए हैं।

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इस बीच राज्य सरकार ने बार-बार ऐसा कहा है जिससे मुसलिम छात्राओं को हिजाब पहनकर कॉलेज जाना मुश्किल लग रहा है। हालाँकि, कर्नाटक सरकार का दावा है कि वह सरकारी स्कूलों में न तो हिजाब के पक्ष में है और न ही केसरिया के। राज्य के राजस्व मंत्री अशोक ने कहा था, 'छात्र सड़कों पर जो चाहें पहन सकते हैं, लेकिन स्कूलों में ड्रेस कोड अनिवार्य है।' अब देखना है कि इस मामले में अदालत का फ़ैसला क्या आता है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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